कोर्ट की कार्यवाही का होगा लाइव प्रसारण, SC ने दी हरी झंडी
- अब संसद की तरह कोर्ट की कार्यवाही का भी लाइव प्रसारण होगा।
- चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला।
- लाइव प्रसारण प्रक्रिया की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से होगी-SC
- लाइव स्ट्रीमिंग से कोर्ट की कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने अहम अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण की अनुमति दी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोर्ट की कार्यवाही के लाइव प्रसारण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। अब संसद की तरह कोर्ट की अहम अदालती कार्यवाहियों का भी लाइव प्रसारण होगा। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश देते हुए ये भी कहा, लाइव स्ट्रीमिंग प्रक्रिया की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से ही होगी। कोर्ट ने कहा, लाइव स्ट्रीमिंग से कोर्ट की कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी और यह लोकहित में भी होगा।
SC से शुरू होगी लाइव स्ट्रीमिंग
SC ने अपने फैसले में कहा, इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट से शुरू किया जाएगा, लेकिन इसके लिए कुछ नियमों का पालन भी करना होगा। कार्यवाही के सीधे प्रसारण से जूडिशल सिस्टम में जवाबदेही आएगी। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग और उसके सीधे प्रसारण को लेकर केंद्र से जवाब मांगा था। केंद्र ने SC से कहा था, चीफ जस्टिस की तरफ से संवैधानिक मामले की सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग और लाइव स्ट्रीमिंग ट्रायल बेसिस पर की जा सकती है। केंद्र ने कहा था कि न्यायिक प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए पायलट प्रॉजेक्ट भी शुरू किया जा सकता है।
केंद्र ने कहा था, सीधा प्रसारण पर शुरू करें पायलट प्रोजेक्ट
केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था, आगे चलकर पायलट प्रॉजेक्ट की कार्यपद्धति का विश्लेषण किया जाएगा और उसे ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, लाइव स्ट्रीमिंग को ट्रायल के लिए एक से तीन महीने के लिए शुरू किया जा सकता है, जिससे यह समझा जा सके कि तकनीकी तौर पर यह कैसे काम करता है। चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस AM खानविलकर और DY चंद्रचूड़ की इस बेंच ने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह सहित सभी पक्षों से अटार्नी जनरल के इस प्रस्ताव पर अपनी राय देने को कहा था।
वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने दायर की थी PIL
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने PIL दाखिल कर अनुरोध किया था, जो मामले राष्ट्रीय महत्व और संवैधानिक महत्व के हैं, उन मामलों की रिकॉर्डिंग की जाए और सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा था, सुनवाई का सीधा प्रसारण होने से पक्षकार यह जान पाएंगे कि उनके वकील कोर्ट में किस तरह से पक्ष रख रहे हैं। जयसिंह ने याचिका में मांग की थी, संवैधानिक और राष्ट्रीय महत्व के मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाए क्योंकि नागरिकों के लिए यह सूचना पाने का अधिकार है।
Created On :   26 Sept 2018 1:41 PM IST