सुप्रीम कोर्ट ने आसान भाषा में कानून की मांग वाली याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

Supreme Court seeks response from Center on plea seeking law in easy language
सुप्रीम कोर्ट ने आसान भाषा में कानून की मांग वाली याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब
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हाईलाइट
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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी को समझ में आ सकने वाली अंग्रेजी में कानून बनाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से जवाब मांगा है। याचिका में सरल अंग्रेजी भाषा में कानून तैयार करने की मांग की गई है।

याचिका में शीर्ष न्यायालय से गुहार लगाई गई है कि वह केंद्र के न्याय विभाग को निर्देश दें कि वह साधारण अंग्रेजी में ऐसी मार्गदर्शक/हैंडबुक जारी करे, जिसे आम लोग आसानी से समझ सकें।

इस मामले पर सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने की।

अधिवक्ता सुभाष विजयरन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि अधिकांश वकील अपनी बातों को लेकर अस्पष्ट और नीरस बने रहते हैं, क्योंकि वे कुछ कहने के लिए दो के बजाय आठ शब्दों का उपयोग करते हैं।

याचिका में कहा गया है, हम सामान्य विचारों को व्यक्त करने के लिए रहस्यमय वाक्यांशों का उपयोग करते हैं। सटीक होने की कोशिश में हम निर्थक हो जाते हैं। सतर्क रहने की मांग करते हुए, हम क्रियात्मक हो जाते हैं। हमारा लेखन कानूनी शब्दजाल और कानूनी तरीके से लिखा जाता है और कहानी चलती रहती है।

यह दलील दी गई है कि संविधान, कानून और कानूनी प्रणाली आम आदमी के लिए है, और फिर भी यह आम आदमी है, जो सिस्टम से सबसे अधिक अनभिज्ञ है। याचिका में कहा गया है, आम नागरिक न तो व्यवस्था को समझता है, न ही कानूनों को। सब कुछ इतना जटिल और भ्रमित करने वाला है।

दलील में कहा गया है कि अगर जनता तक न्याय नहीं पहुंचाया जाता तो यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा।

याचिका में कुछ देशों का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि कई देशों में सार्वजनिक एजेंसियां नागरिकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए सादी भाषा का इस्तेमाल करती हैं।

याचिका में दलील दी गई है कि विधानमंडल और कार्यपालिका को सटीक और असंदिग्ध कानून बनाने चाहिए और जहां तक संभव हो, इसे आसान भाषा में बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा, सरकार द्वारा सामान्य जनहित के कानूनों की व्याख्या करने के लिए सादी अंग्रेजी और अन्य स्थानीय भाषाओं में एक मार्गदर्शिका (गाइड) जारी करनी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का मानक उच्चतम गुणवत्ता का होना अनिवार्य है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत के शीर्ष न्यायालय के वकीलों को अपनी दलीलों को स्पष्ट, संक्षिप्त और सटीक बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए।

याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को एक अनिवार्य विषय शुरू करने का आदेश देने की मांग भी की गई है। इसमें कहा गया है कि एलएलबी पाठ्यक्रम में आसान अंग्रेजी में कानूनी लेखन विषय शुरू किया जाना चाहिए, जहां कानून के छात्रों को साधारण अंग्रेजी में सटीक और संक्षिप्त दस्तावेजों का मसौदा तैयार करना सिखाया जा सके।

एकेके/एसजीके

Created On :   15 Oct 2020 12:31 PM GMT

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