सुप्रीम कोर्ट में ही होगी सीबीआई के विशेष न्यायाधीश लोया मामले पर सुनवाई

Supreme Court to hear CBI special judge Loya case
सुप्रीम कोर्ट में ही होगी सीबीआई के विशेष न्यायाधीश लोया मामले पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में ही होगी सीबीआई के विशेष न्यायाधीश लोया मामले पर सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की संदिग्ध परिस्थियों में हुई मौते से जुड़ी सभी याचिकाओं की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में ही होगी। महाराष्ट्र सरकार के वकील निशांत कातकनेश्वर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने लोया मामले से संबंधित मुंबई हाईकोर्ट और नागपुर खंडपीठ में दायर याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया है। इस मामले पर अब 2 फरवरी को अगली सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रडूड ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने यह फैसला लिया कि अब इस मामले से संबंधित कोई भी याचिका हाईकोर्ट में दायर नहीं होगी। कोर्ट ने सभी पक्षकारों से कहा कि वह लोया मामले में ऐसे दस्तावेज जुटाएं जिन्हे अभी तक जमा नही किया गया है उन्हें कोर्ट को सौंपे। कोर्ट ने याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों को गंभीर बताते हुए कहा कि हमें सभी दस्तावेज बहुत गंभीरता से देखने होंगे।


जज लोया की मौत पर शक क्यों? 

जज लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को हुई थी। बताया गया था उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है, लेकिन उनकी मौत के एक साल बाद उनकी बहन ने मौत के हालात पर शक जाहिर किया था। जज लोया की बहन का ये भी कहना था कि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय सुबह 6:15 बजे का है, जबकि उनके परिजनों को सुबह 5 बजे जज लोया की मौत की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही उनकी बहन ने ये भी कहा था कि उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक को बताया गया है, लेकिन उनके कपड़ों पर खून के धब्बे लगे हुए थे। बता दें कि जज लोया सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे और उनकी मौत के तार भी सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से जुड़े। हालांकि, हाल ही में जज लोया के बेटे अनुज लोया ने कहा था कि उनके पिता की मौत संदिग्ध नहीं है और वो जांच रिपोर्ट से संतुष्ट हैं।

क्या है सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस? 

सीबीआई के मुताबिक, सोहराबुद्दी शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने उस वक्त अगवा कर लिया था, जब वो हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। इसके बाद 26 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन शेख का फर्जी एनकाउंटर कर उसकी हत्या कर दी गई। ये दावा किया गया कि सोहराबुद्दीन के पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध थे। इसके एक साल बाद दिसंबर 2006 को पुलिस ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के गवाह और उसके साथी तुलसीराम प्रजापति की भी कथित तौर पर हत्या कर दी थी। उस वक्त अमित शाह गुजरात के गृहमंत्री थे और इन दोनों एनकाउंटर में अमित शाह का नाम आया

Created On :   23 Jan 2018 12:15 AM IST

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