CBI के अंतरिम निदेशक राव की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
- अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
- एनजीओ कॉमन कॉज ने दायर की याचिका
- समिति की सिफारिशें न मानने का आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एन. नागेश्वर राव को सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन) का अंतरिम प्रमुख बनाए जाने के फैसले के खिलाफ लगी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कॉमन कॉज नामक एक एनजीओ ने सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी। बुधवार को ये मामला सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एनएन राव की पीठ के समक्ष रखा गया।
आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और एनजीओ कॉमन कॉज की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण कोर्ट में पेश हुए और शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करने का निवेदन किया। सीजेआई गोगोई ने कहा कि शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करना संभव नहीं है, इसलिए अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
बता दें कि 10 जनवरी को सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक का प्रभार दिया गया था। इससे पहले कर्तव्य की उपेक्षा और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद तात्कालीन चीफ आलोक वर्मा को हटा दिया गया था। समिति में पीएम मोदी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सीजेआई रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के तौर पर जस्टिस एके सीकरी शामिल थे।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति पारदर्शिता के साथ की जाए। याचिका में यह आरोप भी लगाया गया है कि नागेश्वर राव की नियुक्ति समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं की गई है। इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने सीबीआई निदेशक के पद से आलोक वर्मा को हटाने से संबधित दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग की थी। खड़गे ने उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक की जानकारी और सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) की रिपोर्ट भी सार्वजनिक करने की मांग की थी।
खड़गे का कहना है कि सारी जानकारियां सबके सामने आने के बाद जनता ही निर्णय लेगी कि कौन सही है और कौन गलत ? कांग्रेस नेता ने नए निदेशक की नियुक्ति के लिए बिना देरी किए बैठक बुलाने को भी कहा था। खड़गे का दावा है कि सरकार सीबीआई को स्वतंत्र निदेशक के तहत काम करने नहीं देना चाहती।
Created On :   16 Jan 2019 2:38 PM IST