AIIMS में करिश्मा, पहली बार सिर से जुड़े बच्चों की सफल सर्जरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में पहली बार बचपन से ही सिर से जुड़े हुए दो जुड़वा भाइयों को अलग करने के लिए AIIMS में सर्जरी की गई। इस सर्जरी के बाद दोनों के सिर को अलग तो कर दिया गया है, लेकिन अभी इन दोनों को पूरी तरह से ठीक होने में काफी टाइम लगेगा। इसलिए ओडिशा के रहने वाले ये दोनों भाई जग्गा और बलिया अभी डॉक्टरों की देखरेख में ही हैं। जग्गा और बलिया बचपन से ही एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और अभी उनकी उम्र 2 साल है। डॉक्टरों का कहना है कि दोनों बच्चों को सिर से अलग करने की सर्जरी तो सफल हो गई है लेकिन अभी दोनों को 4 महीने तक हॉस्पिटल में ही रखा जाएगा और इस बीच उनकी 3 और सर्जरी की जाएगी। ओडिशा के कंधमाल जिले के रहने वाले इन दोनों भाइयों के ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी है।
24 घंटे तक चली सर्जरी
जग्गा और बलिया को सिर से अलग करने के लिए 20 डॉक्टरों की टीम ने करीब 24 घंटे तक ये सर्जरी की। इसमें जापान के एक न्यूरोसर्जन डॉ. के टीकेजावा की भी मदद ली गई। इसके अलावा इस सर्जरी के लिए 40 डॉक्टरों और 50 सहयोगियों की भी एक टीम बनाई गई है। इस सर्जरी को चार भागों में किया जाएगा, जिसका पहला हिस्सा सोमवार और मंगलवार के बीच किया गया। इसके बाद अगले 4 महीनों तक दोनों को डॉक्टरों की देखभाल में रखा जाएगा और इसी बीच इनकी तीन और सर्जरी की जाएगी।
डॉक्टरों ने की है बहुत मेहनत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जग्गा और बलिया को अलग करने के लिए डॉक्टरों ने जमकर मेहनत की है। इस सर्जरी को करने के लिए डॉक्टरों को उनके दिमाग को अलग करने के अलावा ब्लड सर्कुलेशन के लिए भी काम करना था। क्योंकि दोनों बच्चों में एक ही जगह से ब्लड सर्कुलेशन हो रहा था। वहीं AIIMS के न्यूरो सर्जन डिपार्टमेंट के डॉ. दीपक गुप्ता का कहना है कि अब तक की सर्जरी सफल हुई है और इसके लिए देश में पहली बार न्यू वेन्स बायपास चैनल को तैयार किया गया था। उन्होंने बताया कि दिमाग के कई महत्वपूर्ण हिस्सों के साथ-साथ कई नसों और आर्टरी को भी अलग किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अभी दोनों बच्चों की हालत ठीक है लेकिन उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।
दुनिया में ऐसी अब तक 50 सर्जरी हो चुकी हैं
दुनिया भर में अब तक इस तरह की 50 सर्जरी की जा चुकी है, जिनमें से सिर्फ 10 ही सफल हो पाई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे मामलों में कई बच्चों की मौत गर्भ में ही हो जाती है, जबकि कुछ बच्चों की मौत पैदा होने के 24 घंटे के अंदर ही हो जाती है। इसके अलावा जो बचते हैं, उनमें से भी सिर्फ 25% सर्जरी ही सफल हो पाती है। डॉक्टरों का ये भी कहना है कि इस तरह के मामलों में दोनों में से एक बच्चा ही जिंदा रह पाता है।
Created On :   30 Aug 2017 8:38 AM IST