तेलंगाना आरटीसी हड़ताल : 48 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा
हैदराबाद, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन सोमवार को केसीआर सरकार ने नए कर्मचारियों की भर्ती करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने नई निजी बसों को भी सेवा में लगाने के आदेश दिए हैं।
ज्ञात हो कि इससे पहले सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत करने से मना कर दिया है और हड़ताल पर गए 48 हजार कर्मचारियों को भी वापस नौकरी पर लेने से मना कर दिया है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार रात घोषणा की थी कि राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन सेवा में हड़ताल पर गए कर्मचारियों को वापस लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है, क्योंकि वे सरकार द्वारा शनिवार की निर्धारित समय सीमा से पहले काम पर नहीं लौटे थे।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, टीएसआरटीसी में अब मात्र 1200 कर्मचारी बचे हैं। इसका अर्थ यह लगाया जा रहा है कि सरकार ने पुराने 48 हजार कर्मचारियों को वापस नौकरी पर रखने से मना कर दिया है। हालांकि इस मुद्दे पर सरकार द्वारा फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
ज्ञात हो कि करीब 50,000 कर्मचारी सरकार के साथ टीएसआरटीसी के विलय सहित 26 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार आधी रात से हड़ताल पर हैं।
केसीआर उर्फ राव ने विलय की मांग को खारिज करने के साथ ही हड़ताल पर गए कर्मचारियों से किसी भी तरह की बातचीत करने से भी मना कर दिया था।
त्योहारी सीजन में हड़ताल के कारण तीसरे दिन भी सड़कों से टीएसआरटीसी की 10,500 बसों के नदारद रहने से यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा है।
टीएसआरटीसी में प्रतिदिन करीब एक करोड़ यात्री नियमित यात्रा करते हैं।
टीएसआरटीसी के अधिकारी किराए की बसों और अस्थायी चालकों को तैनात कर बस सेवा चला रहे हैं।
इसी बीच, राज्य विधानसभा के पास स्थित गन पार्क के पास तेलंगाना शहीद स्मारक पर टीएसआरटीसी के कर्मचारी यूनियन के नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि देने के लिए वहां पहुंचने पर वहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई। वहीं पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए गिरफ्तार किया कि उन्होंने यहां किसी तरह के कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली है।
जॉइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने सरकार की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई।
जेएसी नेता अश्वथामा रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को यह समझना चाहिए कि नए राज्य के लिए हुए आंदोलन में उनके बलिदान के कारण ही वह सत्ता में हैं। उन्होंने कहा कि वे सरकार की धमकियों और गिरफ्तारी से नहीं डरते हैं।
Created On :   7 Oct 2019 4:00 PM IST