Kavkaz-2020: चीन और पाकिस्तान के कारण भारत ने रूस में होने वाले युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने से किया इनकार  

Tension With China: India Refuses To Participate In Military Exercises Kawkaz 2020 To Be Held In Russia
Kavkaz-2020: चीन और पाकिस्तान के कारण भारत ने रूस में होने वाले युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने से किया इनकार  
Kavkaz-2020: चीन और पाकिस्तान के कारण भारत ने रूस में होने वाले युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने से किया इनकार  

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए रूस में होने वाले बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास में भाग लेने से इंकार कर दिया है। इसे लेकर जल्दी ही भारत रूस को भी सूचना दे देगा। रूस में होने वाले कवकाज-2020 (Kavkaz-2020) सैन्य अभ्यास में पाकिस्तान और चीन समेत 15 से अधिक देशों के भाग लेने की उम्मीद है। इस युद्धाभ्यास में भारत भी अपनी तीनों सेना की टुकड़ी भेजने वाला था, लेकिन अब उसने कोविड-19 और अन्य परिस्थितियों का हवाला देते हुए भाग लेने से मना कर दिया है।

देर शाम रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि रूस और भारत विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदार हैं। रूस के निमंत्रण पर भारत कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग ले रहा है। हालांकि, कोविड-19 और इसके परिणाम स्वरूप अभ्यास में कठिनाइयों के कारण, भारत ने इस वर्ष के लिए Kavkaz-2020 में रक्षा दल नहीं भेजने का फैसला किया है।

Armies of Pak, India to be at SCO exercise in Russia

15-27 सितंबर के बीच मल्टीनेशनल एक्सरसाइज Kavkaz-2020 होगा
बता दें कि रूस के कॉकसस रीजन के अस्त्रखान में 15-27 सितंबर के बीच मल्टीनेशनल एक्सरसाइज, Kavkaz-2020 होने जा रही है‌। रूस ने इस युद्धाभ्यास में एससीओ यानि शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य देशों सहित अपने मित्र-देशों की सेनाओं को आमंत्रित किया था। एससीओ में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान सहित कुल 08 देश हैं।

भारत ने पहले भर दी थी हामी
करीब 15 दिन पहले भारत ने इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए हामी भर दी थी और अपनी सैन्य टुकड़ी भेजने की घोषणा भी कर दी थी। रूस के कॉकसस रिजन में होने वाली कवकॉज एक्सरसाइज को "कॉकसस-2020" के नाम से भी जाना जाता है। भारत की तरफ से सेनाओं के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की टुकड़ी इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने रूस जा रही थी।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल्ली में हुई शीर्ष अधिकारियों की बैठक में देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति पर विचार किया गया और ऐसे वक्त में इन तरह के आयोजनों में शामिल नहीं होने पर चर्चा की गई। साउथ ब्लॉक में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद यह फैसला किया गया कि भारत उस सैन्य अभ्यास का हिस्सा नहीं बनेगा जिसमें चीन और पाकिस्तान के सैन्यकर्मी शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में कहा गया कि ऐसे वक्त में जब 4000 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा और पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव चल रहा है, चीजें सामान्य तरीके से नहीं चल सकती हैं।

भारत-चीन के बीच जारी है तनाव
ये एक्सरसाइज ऐसे समय में हो रही है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 115 दिनों से टकराव चल रहा है और गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष हो‌ चुका है. दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत भी चल रही है, लेकिन तनातनी जारी है. दोनों देशों ने 3488 किलोमीटर लंबी पूरी एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल पर बड़ी तादाद में सैनिक, टैंक, तोप, मिसाइल और हैवी मशीनरी का जमावड़ा कर रखा है, जिससे हालात युद्ध जैसे बन गए हैं. भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस, जनरल बिपिन रावत भी दो टूक कह चुके हैं कि अगर बातचीत फेल होती है तो भारत के पास "सैन्य कारवाई का विकल्प" बचा हुआ है. साथ ही पाकिस्तान से भी हमेशा से एलओसी पर तनातनी चलती रहती है. ऐसे में भारत ने कवकाज़ एक्सरसाइज से नाम वापस ले लिया है. हालांकि, कोविड महामारी भी इसका कारण बताया जा सकता है.

 

 

Created On :   29 Aug 2020 6:09 PM GMT

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