घाटे में चल रहे पिता के कारोबार को लंदन से लौटी बेटी ने दी नई उड़ान, आर्गेनिक घी बेचकर कर रही लाखों की कमाई

The daughter returned from London to give a new flight to her fathers loss-making business, earning millions by selling organic ghee
घाटे में चल रहे पिता के कारोबार को लंदन से लौटी बेटी ने दी नई उड़ान, आर्गेनिक घी बेचकर कर रही लाखों की कमाई
लड़कियों के बढ़ते कदम घाटे में चल रहे पिता के कारोबार को लंदन से लौटी बेटी ने दी नई उड़ान, आर्गेनिक घी बेचकर कर रही लाखों की कमाई
हाईलाइट
  • लंदन से पढ़कर लौटी कल्याणी ने बिजनेस में बंटाया पिता का हाथ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिजनेस संभालने के लिए बेटे जरूरी होते हैं' लोगों की इस सोच को गलत साबित किया है गुजरात के बडोदरा की कल्याणी पांड्या ने। लंदन से लॉ की पढ़ाई पूरी करके लौटी कल्याणी ने अपने कारोबारी पिता को उनके काम में हाथ बंटाने का फैसला किया। पिता विक्रम पांड्या शंकर फार्म फ्रेश नाम से एक कंपनी चलाते थे जिसमें आर्गेनिक प्रोडक्टों की बिक्री का काम किया जाता था। लेकिन बीते कुछ समय से कंपनी का काम ठीक ठंग से नहीं चल रहा था और वह लगातार घाटे में जा रही थी। ऐसे में बिजनेस में पिता का साथ दे रही बेटी कल्याणी ने कंपनी के ऑर्गनिक प्रोडक्टों में नैचुरल घी को भी शामिल कर दिया। फिर क्या था वर्षो का रूका हुआ उनके पिता का कारोबार चल पड़ा और ऐसा चला कि कुछ ही समय में मुनाफा लाखों में पहुंच गया। 

ये सब मुमकिन हुआ कल्याणी के कारण। उनके नैचुरल घी को लॉन्च करने वाले आइडिया ने एक समय बंद होने की कगार पर चल रही शंकर फॉर्म फ्रेश कंपनी का सालाना टर्न ओवर लाखों में पहुंचा दिया। आज केवल देशी घी को बेचकर ही कंपनी 1 साल में करीब 15 लाख रूपये कमा रही है। 

11 साल पहले पिता ने शुरू किया था कारोबार

कल्याणी के पिता विक्रम ने साल 2012 में शंकर फार्म फ्रेश की शुरूआत की थी। पेश से किसान और बिजनेस विक्रम पांड्या ही कंपनी के ऑपरेशंस देखते थे। ऑर्गेनिक फार्मिंग के बिजनेस में आए उछाल से वह काफी उत्‍साहित थे। आईआईएम-अहमदाबाद से पढ़ाई करने वाले विक्रम की डेयरी उद्योग में एंट्री उनके गाय पालने के प्यार की वजह से हुई। वह ऑर्गेनिक डेयरी मॉडल विकसित कर ग्रामीणों की आजीविका में योगदान देना चाहते थे। गाय पालने करने वाले परिवार से होने की वजह से उनके लिए कुछ मवेशियों को लेकर इस उद्योग की शुरूआत करना आसान भी था। उन्होंने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों को गाय का दूध और उससे बने प्रोडक्ट बेचकर अपने कारोबार की शुरूआत की। लेकिन आगे चलकर उनके द्वारा लिये गलत और जोखिरभरे फैसलों की वजह से कारोबार के बंद होने की नौबत आ गई।  

 अपने आइडिया से बिजनेस को पहुंचाया फर्श से अर्श तक

जिस समय पिता का बिजनेस बुरे दौर से गुजर रहा था, उस समय कल्याणी लंदन में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थीं। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वह वापस वडोदरा लौंटी तो उन्होंने एक साल कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी की। लेकिन शायद उनके मन में नौकरी की जगह कुछ और करने की चाह थी। जिसके चलते उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और पिता के बिजनेस में हाथ बंटाने लगीं। अपने हाथ में कंपनी के सारे ऑपरेशंस लेकर कल्याणी ने एक साल के भीतर ही उसे प्रोफिटेबल बना दिया। हालांकि एक डूबती कंपनी को मुनाफे में लाना कल्याणी के आसान नहीं था। 

इसके लिए उन्होंने इस बिजनेस से जुड़ी हर छोटी-बड़ी चीजों पर ध्यान देना शुरू किया। जिसमें उन्होंने पाया कि कंपनी के प्रोडक्ट न बिकने का सबसे बड़ा कारण इनके सेल्स और ब्रांडिंग पर ज्यादा खर्च न होना है। इसके अलावा कई और ऐसी कमियां थीं जिनके कारण बिजनेस ग्रो नहीं कर पा रहा था। उन्होंने हर कमजोरी पर काम करना शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने जो कदम उठाया वह था अपने नेचुरल घी की जोरदार ब्रांडिंग करना। 

कल्याणी ने घी को ऑफलाइन बेचने के साथ ही अमेजॉन जैसी पॉपुलर ई-कॉमर्स साइट पर भी बेचना शुरू किया। प्रोडक्ट के प्रोमोशन के लिए उन्होंने ऑनलाइन विज्ञापन भी चलवाए। दरअसल जिस समय कल्याणी का इस बिजनेस में प्रवेश हुआ था जब देश में कोरोना फैला हुआ था। महामारी के कारण लोग ऑर्गेनिक प्रोडक्टों की तलाश में थे। ऐसे में कल्याणी ने अपने प्रोडक्टों की पैकेजिंग और ब्राडिंग पर काम किया और मार्केट में घी के अन्य ब्रांडों से उनके ब्रांड ने अलग जगह बनाई। उनके घी को बाजार में बढ़िया प्रतिक्रिया मिली। 

इसके अतिरिक्त कल्याणी ने एक और कदम उठाया कि उन्होंने अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी पर ध्यान दिया। इसके लिए उन्होंने गायों की लैब टेस्टिंग कराई। टेस्टिंग कराने के पीछे उनका उद्देश्य ए2 प्रमाणपत्र पाना था। दरअसल, ए2 सर्टिफिटेक देशी गायों को मिलता है और वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक देशी गाय के दूध से बना घी विदेशी गाय के दूध से बने घी से ज्यादा अच्छी क्वालिटी का माना जाता है।

इस वजह से मार्केट में उनके ब्रांड की वैल्यू बढ़ी दी। आज शंकर फार्म फ्रेश दूध प्रोडक्टों के साथ सब्जी की खेती कर रहा है और जल्द ही इससे जु़ड़े प्रोडक्ट भी बाजार में उतारने वाला है। इस तरह जो कंपनी कभी लगातार होते घाटे की वजह से बंद होने वाली थी आज सलाना टर्न ओवर 15 लाख से ज्यादा है और यह सब संभव हुआ है कल्याणी के अथक परिश्रम से।  

Created On :   21 March 2023 6:04 PM IST

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