विमान दुर्घटना मामले में मृतक के परिजन को मिलेगा 7.64 करोड़ रुपये का मुआवजा
नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई 2010 को मंगलुरू में दुबई से आई एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 812 की क्रैश-लैंडिंग में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों को 7.64 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया। इस दुर्घटना में 166 यात्रियों में से 158 की मौत हो गई थी।
महेंद्र कोडकानी (45) के परिजनों में उनकी पत्नी, बेटी और बेटा शामिल हैं। इनके परिजनों को पहले राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने मुआवजे के तौर पर 7.35 करोड़ रुपये की धनराशि देने का एलान किया था, लेकिन अब उन्हें इस राशि पर सालाना नौ फीसदी की दर से ब्याज भी मिलेगा। यह राशि अभी भी बकाया है। मुआवजा राशि एयर इंडिया को चुकानी है।
विमान हादसे के समय कोडकानी यूएई की एक कंपनी के पश्चिम एशिया क्षेत्र के रीजनल डायरेक्टर थे।
मंगलुरू हवाई अड्डे पर हुए इस विमान हादसे में रनवे पर उतरते हुए विमान अनियंत्रित होकर रनवे से भी आगे बढ़ता चला गया और आगे जाकर पहाड़ी से नीचे एक गहरी खाई में गिर गया था। विमान में तब भीषण विस्फोट हुआ और हादसे में डेढ़ सौ से अधिक लोग मारे गए थे।
न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायाधीश अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा, उक्त लोगों के खाते में देय कुल राशि 7,64,29,437 रुपये है। नौ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज उसी आधार पर भुगतान किया जाएगा, जो कि उन्हें एनसीआरडीसी की ओर से प्रदान किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि एक्सिडेंट क्लेम मामले में जब पीड़ित की आय का आंकलन हो तो पूरी आमदनी का आंकलन होना चाहिए। उसे जो भी वेतन भत्ता मिलता है, उसे जोड़कर ही मुआवजा तय किया जाएगा। उसकी आमदनी में से भत्ता नहीं हटाया जा सकता है।
Created On :   21 May 2020 10:30 PM IST