महिलाओं का गहना अब कमजोरी नहीं, हथियार बनेगा
- महिलाओं का गहना अब कमजोरी नहीं
- हथियार बनेगा
वाराणसी, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। महिलाओं का गहना अब केवल उनकी खूबसूरती में चार चांद ही नहीं लगाएगा, बल्कि उनकी सुरक्षा का बड़ा हथियार साबित होगा। गहनों की सुरक्षा से जुड़ा डर भी खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महिला सुरक्षा को लेकर खास तरह की डिवाइस तैयार की गयी है। जो महिलाओं के आभूषणों में लगाई जाएगी और यह डिवाइस उनके गहने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा करेगी।
महिलाओं के साथ हो रही छेड़खानी और अन्य घटनाओं को रोकने के लिए वाराणसी के श्याम चौरसिया ने दिल्ली की रचना राजेंद्रन के साथ मिलकर वुमेन्स सेफ्टी ज्वेलरी तैयार की है।
रचना राजेंद्रन ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि, देश में बढ़ती महिलाओं संग छेड़खानी व दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए इसे खासतौर पर तैयार किया गया है। इस डिवाइस को ज्वेलरी में लगाकर ब्लूटूथ से अटैच किया जाएगा। अगर कोई महिला मुसीबत में होती है, ज्वेलरी में लगे बटन को दबाने से उसकी लोकेशन पुलिस और घरवालों के नम्बर पर चली जाएगी। जिससे सामने वाली की रक्षा हो पाए।
उन्होंने बताया कि इसकी एक खसियत और भी है कि, मोबाइल की स्क्रीन लॉक और बटुए के अंदर होने पर भी यह अच्छे से काम करता है। यदि कोई आपके गहने छीनता है, तुरंत ये लोकेशन बता देगा। यह बहुत आसान गैजेट है, इसे प्रयोग करने में बहुत आसनी होगी।
युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने बताया कि, अक्सर देर रात्रि में काम करने वाली महिलाएं जब कभी मुसीबत में फंस जाती हैं, तो छेड़खानी करने वाले उनका मोबाइल और बटुआ छीन लेते हैं। लेकिन ज्वेलरी में लगी डिवाइस को दबाने से यह ब्लूटूथ काम करने लगेगा। इसकी रेंज 3 से 5 मीटर के अन्तर्गत काम करती है। यह महिला की रक्षा के साथ उनके आभूषणों की भी रक्षा करेगा। स्पेस ब्रेक होंने पर भी यह अच्छे से काम करता है। इसमें ब्लूटूथ मॉडयूल और चार्जेबल बैटरी है। जो 10 घंटे तक चलता है। इस ज्वेलरी का नाम विमेंस सेफ्टी एंटी टीजिंग ज्वेलरी रखा गया है। इसे बनाने में 2-3 माह का समय लगा है और करीब 900 रूपये का खर्च आया है। यह पूर्णतया मेड इन इंडिया है।
वीरबहादुर सिंह नक्षत्रशाला, गोरखपुर वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि, यह अच्छा गैजेट है। महिला सुरक्षा के लिए कारगर साबित हो सकता है। इस तकनीक को सरकार द्वारा भी ट्रायल किया जाना चाहिए।
बीएचयू के प्रोफेसर और इनोवेशन सेंटर के कोऑर्डिनेटर मनीष अरोरा ने कहा कि, यह प्रयास अच्छा है। इसे सफलता जब मिलेगी, जब आप किसी इंडस्ट्री के साथ मिलकर इस पर काम करें। इस समय बड़े-बड़े कॉरपोरेट ज्वेलर्स हैं, उनसे संपर्क करने पर फायदा मिल सकता है। इनोवेशन है, ज्वेलरी में ब्लूटूथ डिवाइस लगा हुआ है। कहीं मुसीबत होंने पर बटन दबाने पर उनके संबंधियों के पास अलर्ट पहुंच जाता है। इसके पीछे अच्छी सोच है। लेकिन इसे बजार तक पहुंचाना बहुत जरूरी है।
विकेटी/एएनएम
Created On :   3 Oct 2020 4:01 PM IST