रोजा में छिपा है कोरोना से निजात का राज

The secret of getting rid of Corona is hidden in Rosa
रोजा में छिपा है कोरोना से निजात का राज
रोजा में छिपा है कोरोना से निजात का राज

गोरखपुर, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोना वायरस के दौर में रोजा को स्वास्थ्य के अवसर के रूप में बदला जा सकता है। रोजे में कोरोना से निजात का राज छिपा है। इसे अपनाकर मुस्लिम समाज खुद के साथ समाज के अन्य लोगों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रोजेदार लोग कोरोना पर भारी हो सकते हैं।

डाइट एंड न्यूट्रीशनल और फिजियो कन्सलटेंट डॉ. एस़. ई. हुदा ने कोरोना से बचाव में रोजा (उपवास) को मददगार बताया और आश्चर्यजनक रूप से शरीर में बढ़ने वाली सकारात्मक क्षमताओं का जिक्र किया।

डॉ. हुदा का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से देश-दुनिया लॉकडाउन की स्थिति में हैं। आमतौर से रमजान में गुलजार रहने वाली मस्जिदें बन्द हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग अपने घरों में इबादत कर रहे हैं। तराबीह से लेकर पांच वक्त की नमाज तक घरों में अदा हो रही है। लेकिन इन पाबंदियों के बाद भी मुस्लिम समुदाय के लिए स्वास्थ्य और कोरोना से बचे रहने का यह अच्छा अवसर है। रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन कर सामने आई अनेक चुनौतियों से निकल सकते हैं।

डॉ. हुदा ने बताया, रोजा कई तरह से शरीर के लिए लाभकारी है। इसमें शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने जैसा गुण है। उपवास में शरीर के चारों ओर कोशिकाओं में होने वाली सामान्य सूजन कम करने का गुण है। इस प्रक्रिया से प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है।

उन्होंने बताया कि लगभग 14 घंटे के रोजे से शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है और शरीर ऊर्जा संरक्षण मोड में चला आता है। इससे शरीर के भीतर संचित ऊर्जा की खपत में होने वाली अनेक क्रियाएं बन्द हो जातीं हैं और वे शरीर के भीतर की पुरानी या क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को पुन: चक्रित (री-साइकिल) करता है। इससे नई प्रतिरोधक कोशिकाएं बनती हैं और प्रतिरोधी क्षमता में आश्चर्यजनक वृद्घि देखने को मिलती है।

डॉ. हुदा का कहना है कि उपवास की अवधि समाप्त होने पर ये नई कोशिकाएं आम दिनों की तुलना में अधिक सक्रिय हो जातीं हैं। बाहरी संक्रमण से लड़ने में तुलनात्मक रूप से अधिक तेज और कुशल होती हैं।

डा. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ की चीफ डायटीशियन डॉ. पूनम तिवारी ने आईएएनएस से बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच शुरू हुए माह-ए-रमजान में सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक अहार जरूरी है। खानपान को लेकर सजग रहें।

पूनम तिवारी ने कहा, रोजेदार इन दिनों अंकुरित अनाज खाते हैं जिसमें विटामिन सी अच्छा होता है। इसके कबाब भी ले सकते हैं। तरल पदार्थ लेना जरूरी है। हल्दी वाला दूध रात में लेना अनिवार्य है। अभी लॉकडाउन में बाहर निकलते नहीं है ऐसे में तरल पदार्थ लेने से डिहाइड्रेशन से भी बचेंगे। दूध, दही, से प्रोट्रीन और इम्यूनिटी भी बढ़ेगी। फाइबर के लिए हरी सब्जी खाए। इफ्तारी करते समय आपसी दूरी बना कर रखे। गले की खरास से बचने के लिए घड़े का पानी लें। गर्म सूप के साथ फल की चाट बिल्कुल न खाएं। कामन तापमान की चीज खानी चाहिए। तला भुना खाने से परहेज करें। ऐसा करने से रोजेदार कोरोना पर भारी पड़ेगा। संक्रमण से लड़ने में लहसुन, दाल चीनी, अदरक और हल्दी का प्रयोग कारगर होगा।

Created On :   29 April 2020 6:00 PM IST

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