भारत सरकार ने 7 रोहिंग्याओं को भेजा म्यांमार, SC ने दखल देने से किया इंकार
- NRC विवाद के बाद भारत सरकार की पहली बड़ी कार्रवाई
- भारत से म्यांमार भेजे जाएंगे सात रोहिंग्या मुसलमान
- मणिपुर की मोरेह सीमा चौकी पर सात रोहिंग्या प्रवासियों को म्यांमार के अधिकारियों को सौंपा जाएगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। NRC विवाद के बाद भारत सरकार ने सभी 7 रोहिंग्याओं को म्यांमार भेज दिया है। सुबह करीब 7.30 बजे उन्हें भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सभी रोहिंग्याओं को इम्फाल से मणिपुर की मोरेह सीमा तक ले जाया गया। यहां से उन्हें म्यांमार आव्रजन कार्यालय में भेजा जाएगा। सभी कागजातों की जांच होने के बाद म्यांमार के अधिकारियों को सातों रोहिंग्य सौंप दिए गए। ये लोग असम में गैरकानूनी तरीके से रह रहे थे। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 2012 से ही ये लोग असम के सिलचर जिले के कचार केन्द्रीय कारागार में बंद थे।
Manipur: 7 Rohingyas, who are being deported to Myanmar, have been brought to Imphal. The seven were lodged in the Silchar Detention centre in Assam. They will be taken to Moreh border where they"ll be handed over to Myanmar authority. pic.twitter.com/XWc8cHcCjN
— ANI (@ANI) October 3, 2018
भारत सरकार के इस फैसले को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दायर याचिका खारिज कर दी गई है। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने की। विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि भेजे जा रहे सभी सात नागरिक म्यांमार के हैं और म्यांमार ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। हालांकि, सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि म्यांमार ने अभी इन सभी के उनका नागरिक होने की पुष्टि नहीं कर रही है। जिसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें कि उत्तराखंड में पहुंचे रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को लेकर खुफिया एजेंसियों ने उत्तराखंड की रावत सरकार को इसकी रिपोर्ट दी थी। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ था कि रोहिंग्या अब उत्तराखंड में शरण ले रहे हैं। दरअसल, कुछ समय पूर्व विधायक खानपुर कुंवर प्रणव चैंपियन ने एक बयान में कहा था कि रोहिंग्या हरिद्वार तक पहुंच चुके हैं। उस समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बात का समर्थन नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने खुफिया एजेंसियों से इसका इनपुट लिया। इस पर सरकार को प्रदेश में बाहर से आकर अवैध रूप से बसने वालों की जानकारी मिली। भारत सरकार ने पिछले साल संसद को बताया था कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर में पंजीकृत 14,000 से अधिक रोहिंग्या भारत में रहते हैं। हालांकि मदद प्रदान करने वाली एजेंसियों ने देश में रहने वाले रोहिंग्या लोगों की संख्या करीब 40,000 बताई है।
इन्हें भेजा गया म्यांमार
अवैध रूप से भारत में रहने वाले मोहम्मद जमाल, मोहबुल खान, जमाल हुसैन, मोहम्मद युनूस, सबीर अहमद, रहीम उद्दीन और मोहम्मद सलाम शामिल हैं। इनकी उम्र 26 से 32 वर्ष के बीच है। इन सात रोहिंग्या लोगों को विदेशी कानून के उल्लंघन के आरोप में 29 जुलाई, 2012 को गिरफ्तार किया गया था।
Created On :   4 Oct 2018 7:33 AM IST