आतंक को बढ़ावा देने वाले 12 लाख अकाउंट्स डिलीट, ट्विटर ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने 2 सालों में 10 लाख से ज्यादा अकाउंट्स डिलीट कर दिए, क्योंकि इन अकाउंट्स पर आतंक को बढ़ावा देने वाला कंटेंट पोस्ट किया जाता था। ट्विटर ने नई ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि कंपनी ने अगस्त 2015 से लेकर दिसंबर 2017 तक 12,10,357 अकाउंट्स को डिलीट कर दिया गया है। हालांकि, इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अभी भी बहुत सारे ऐसे अकाउंट्स चल रहे हैं, जो आतंक को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
आतंकी कंटेट डालने से पहले ही डिलीट हुए 74% अकाउंट
ट्वीटर की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जुलाई 2017 से लेकर 31 दिसंबर 2017 तक ही 2,74,460 अकाउंट्स को परमानेंट डिलीट कर दिया गया, क्योंकि ये अकाउंट्स आतंक को बढ़ावा देते हैं। जबकि 1 अगस्त 2015 से 31 दिसंबर 2017 तक आतंक को बढ़ावा देने वाले 12,10,357 अकाउंट्स को डिलीट कर दिया गया, जो 93% ज्यादा है। ट्वीटर ने जानकारी दी कि जितने अकाउंट्स डिलीट किए गए हैं, उनमें से 74% अकाउंट्स पहले ट्वीट से पहले ही डिलीट कर दिए गए।
Between August 1, 2015 and December 31, 2017, Twitter suspended 1,210,357 accounts for violations related to the promotion of terrorism. Read more in our 12th Transparency Report https://t.co/e4ridwmnVI
— Twitter Public Policy (@Policy) April 5, 2018
ये कोई हिंसा को फैलाने का प्लेटफॉर्म नहीं है
ट्विटर की पब्लिक पॉलिसी की तरफ से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले 10 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को हमने बंद कर दिए हैं। अपने बयान में ट्वीटर की तरफ से कहा गया है कि, ट्वीटर कोई ऐसा प्लेटफॉर्म नहीं है, जहां हिंसा का प्रसार किया जाए और आतंक को बढ़ावा दिया जाए। इसीलिए हमने ऐसे अकाउंट्स को हटाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। ट्विटर ने ये भी कहा कि आतंक का बढ़ावा देने वालों के खिलाफ हमारी कड़ी मेहनत का असर हुआ है। बीते कुछ सालों में ट्वीटर पर इस तरह की हरकतों में कमी आई है।
अभिव्यक्ति की आजादी पर कानूनी खतरा
ट्वीटर ने अपनी रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर मिलने वाली अभिव्यक्ति की आजादी पर कानूनी खतरा होने की भी बात कही। ट्विटर ने कहा कि कई देशों की सरकारों ने आतंकियों और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाया। ट्वीट ने अपने बयान में कहा कि जिस तरह से दुनिया भर के देश सोशल मीडिया पर होने वाली खुली चर्चा पर नए कानून लाने की बात कह रहे हैं, उससे अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार खतरे में पड़ सकता है। इस रिपोर्ट में ट्वीटर ने ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्टका जिक्र करते हुए कहा कि दुनियाभर की सरकारें सोशल मीडिया पर मिलने वाली अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम लगाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसके लिए सरकारें सोशल मीडिया कंपनियों पर सेंसर की तरह काम करने के लिए कह रही हैं।
Created On :   6 April 2018 7:53 AM IST