उप्र पुलिस अब नहीं चलाएगी ब्रिटिशकालीन .303 रायफल

UP Police will no longer run British-era .303 rifle
उप्र पुलिस अब नहीं चलाएगी ब्रिटिशकालीन .303 रायफल
उप्र पुलिस अब नहीं चलाएगी ब्रिटिशकालीन .303 रायफल
हाईलाइट
  • उप्र पुलिस अब नहीं चलाएगी ब्रिटिशकालीन .303 रायफल

लखनऊ, 26 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर रविवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लगभग 75 साल तक सेवा के बाद ब्रिटिशकालीन .303 रायफलों को विदाई दे दी।

इस रायफल को सेवा से हटाने से एक युग का अंत हो गया है।

अक्सर पुलिसकर्मियों के पास रहने वाली .303 रायफल मैग्जीन के साथ बोल्ट एक्शन रिपीटेटिव रायफल थी जो पूर्ववर्ती ब्रिटिश शासन में सुरक्षाकर्मियों के मुख्य हथियार के तौर पर दी जाती थी। यह एक बार में एक ही फायर कर सकती थी, जिसके बाद अगले शॉट के लिए बोल्ट को खींचकर बैरल को दोबारा लोड करना पड़ता था।

उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बृजलाल ने कहा, .303 रायफल उत्तर प्रदेश की वर्कहॉर्स थी, जिसने 1945 में उप्र पुलिस में शामिल किए जाने के बाद से हमेशा वांछित परिणाम दिए। प्रदर्शन के आधार पर अगर बंदूकों को इनाम देने की बात आए तो .303 या बोल्ट एक्शन रायफलें वह इनाम जरूर पाएं।

उन्होंने कहा कि वे जब सेवा में थे तो उन्होंने कई अभियानों की अगुआई की थी और खूंखार डकैतों और गैंगस्टरों को मार गिराया था।

उन्होंने याद करते हुए कहा, इस हथियार की सफलता का मुख्य कारण उप्र के कठोर क्षेत्रों में सक्रिय रहने और कीचड़ में भी अच्छा काम करना है।

ऐसे ही एक मौके को याद करते हुए उन्होंने कहा, मैं पीलीभीत में (1986-88) में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के तौर पर तैनात था। हमें पता चला कि हरजिंदर सिंह जिंदा गिरोह के कुछ आतंकवादियों ने बैंक डकैती की अपनी योजना खारिज कर दी जब उन्हें पता चला कि हमारे कांस्टेबलों के पास .303 रायफलें हैं।

एक कांसटेबल राम कुमार उपाध्याय ने कहा कि लगातार 20 फायर करने के बाद भी यह हथियार मलाई की तरह चिकना रहता है। जिसकी कमी शायद आधुनिक हथियारों में अक्सर खलती है।

Created On :   26 Jan 2020 5:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story