भारत-पाकिस्तान के बीच शांति कायम करने में अमेरिका का इनकार

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने को लेकर मध्यस्थता से इनकार कर दिया है। दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस जी वेल्स ने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के रूप में भूमिका नहीं निभाना चाहता, लेकिन दोनों देशों को निकटतम उपलब्ध मौके पर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन दक्षिण एशिया में परमाणु क्षमता वाली नई बलिस्टिक या क्रूज मिसाइल प्रणालियों के आने से इस क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता के लिए पैदा खतरे को लेकर लगातार चिंतित है। एलिस जी वेल्स यह बात अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान कही। यह आयोजन पश्चिमी एशिया और उत्तर अफ्रीका एवं एशिया और प्रशांत क्षेत्र की विदेश मामलों की सदन की उपसमितियों ने संयुक्त रूप से किया था। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप फ़िलहाल एशिया दौरे पर हैं।
एलिस ने कहा, भारत, पाकिस्तान के बेहतर रिश्ते क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की नजर दक्षिण एशिया में परमाणु संघर्ष से बचाव के लिए दोनों देशों पर है। एलिस ने पाकिस्तान के बढ़ते परमाणु सामग्री भंडार एवं सैन्य परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा इसे लेकर अमेरिका काफी चिंतित है। एलिस ने दक्षिण एशिया क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा पर चिंता जताई। आतंकवाद के खात्मे पर उन्होंने कहा कि अमेरिका लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
पुतिन की मदद चाहते हैं ट्रंप
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने जापान दौरे पर कहा था कि वे अपनी एशिया यात्रा के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं। ट्रंप ने जापान में कहा था कि वे उत्तर कोरिया के मुद्दे पर राष्ट्रपति पुतिन की मदद चाहते हैं और वे इसके लिए अपनी यात्रा के दौरान कई नेताओं से मुलाकात करेंगे। ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन की तारीफ करते हुए कहा, कि जितना दुनिया जानती या समझती है, वे उससे ज्यादा महान हैं। वे मेहनती, नरम और अच्छे इंसान हैं।
Created On :   10 Nov 2017 12:32 AM IST