गुजरात के सीएम ने दिया ज्ञान, कहा- गूगल की तरह सब जानते थे नारद मुनि
डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। भारतीय राजनीति में पहली बार नहीं है कि बेतुके और अजीबो-गरीब बयान सुनने को मिले हों। इससे पहले भी कई बड़े नेता अपने बयानों की वजह से सुर्खियां बटोरते रहे हैं। त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बिप्लब देब एक बार नहीं कई बार अजीबो-गरीब बयान दे चुके हैं। अब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपना ज्ञान देते हुए आज के सर्च इंजन "गूगल" की तुलना पौराणिक कथाओं के पात्र "नारद" से की है। विजय रुपाणी का कहना था कि नारद मुनि के पास दुनिया की सारी जानकारी होती थी, ठीक वैसे ही जैसे आज गूगल के पास होती है।
बता दें कि विजय रुपाणी आरएसएस की शाखा विश्व संवाद केंद्र द्वारा देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा है कि संत नारद को पूरी दुनिया के बारे में जानकारी होती थी। ठीक वैसे ही जैसे आज गूगल सर्च इंजन लोगों को प्रदान करता है। रुपाणी ने आगे कहा कि गूगल भी नारद की तरह सूचना का एक सोर्स है, क्योंकि उसे दुनिया में घट रही सभी घटनाओं की जानकारी है।
रुपाणी ने कहा कि आज के इस दौर में सभी यह जानते हैं कि नारद एक ऐसे शख्स थे, जिसके पास सूचनाएं होती थी। उनके पास पूरी दुनिया की जानकारी थी। वह उन सूचनाओं पर काम करते थे। मानवता की भलाई के लिए उन सूचनाओं को इकट्ठा करना उनका धर्म था और इसकी काफी जरूरत थी। इसके अलावा उन्होंने लोकतंत्र में मीडिया के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मीडिया सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर सकती है, लेकिन उसका तटस्थ और विश्वसनीय होना महत्वपूर्ण है।
Tripura CM Biplab Deb claims Internet, Satellites were first in India since Mahabharata"s time. Dhritarastra, Sanjay used Internet in Mahabharata time. Not USA or Western Countries but Biplab Deb claims it"s India invented Internet.pic.twitter.com/pgv1xw5Nx3
— TK (@TayeebKashem) April 17, 2018
त्रिपुरा सीएम बिप्लब देब का अजीब बयान
यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी के किसी सीएम या वरिष्ठ नेता ने अजीबो-गरीब बयान दिया हो। इससे पहले भी त्रिपुरा के सीएम महाभारत काल में इंटरनेट होने की बात कह चुके हैं। गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए त्रिपुरा सीएम बिप्लब कुमार देव ने कहा था कि "ये देश वो देश है, जिसमें महाभारत में संजय बैठकर धृतराष्ट्र को युद्ध में क्या हो रहा था, बता रहा था। इसका मतलब क्या है? टेक्नोलॉजी थी, इंटरनेट था, सैटेलाइट थी। संजय आंख से कैसे देख सकते थे, इसका मतलब टेक्नोलॉजी थी। इस बीच बहुत कुछ चेंज हुआ, लेकिन उस जमाने में टेक्नोलॉजी थी। जिसको लेकर आज हम काम कर रहे हैं।"
Created On :   30 April 2018 9:42 AM IST