भारत लाए गए इराक से 38 भारतीयों के शव
- DNA के जरिए हुई थी सभी भारतीयों की मौत की पुष्टि।
- IS ने मारकर बदूश शहर में टीले के नीचे दफना दिए थे।
- इराक के मोसूल शहर में जून 2014 में लापता हुए थे 40 भारतीय।
- एकमात्र भारतीय हरजीत मसीह बचकर निकला था वहां से।
- सभी भारतीयों को आतंकी संगठन ISIS ने मार डाला था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इराक के मोसुल शहर में मारे गए 39 भारतीयों में से 38 भारतीयों के शव सोमवार को भारत आ गए हैं। विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह सोमवार को शवों के अवशेष लेकर पंजाब के अमृतसर पहुंचे। वहीं एयरपोर्ट के बाहर कुछ परिवारों भी मौजूद रहे। वीके सिंह रविवार को इराक के बगदाद रवाना हुए थे। खुद वीके सिंह ने विमान में ताबूतों को रखने के लिए सहारा दिया। इसका वीडियो शेयर करते हुए वीके सिंह ने ट्वीटर पर लिखा "कुछ जिम्मेदारियों का बोझ काफी ज्यादा होता है।" इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में जानकारी दी थी कि इराक के मोसुल में सभी 39 भारतीयों को आतंकी संगठन ISIS ने मार डाला है।
5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा
जनरल वीके सिंह का विमान दोपहर करीब 2:30 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। इस दौरान कई पार्टियों के नेता भी वहां मौजूद रहे। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की तरफ से नवजोत सिंह सिद्धू एयरपोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि "इराक में मारे गए पंजाब के सभी लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही परिवार के एक सदस्य को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।"
कुछ ज़िम्मेदारियों का बोझ काफी ज्यादा होता है। #RestInPeaceMyFellowIndians pic.twitter.com/7cyKDOySvY
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) April 2, 2018
रविवार को ही सौंपे जा चुके हैं शव
विदेश राज्य मंत्री रविवार को इराक के लिए रवाना हुए थे। जाने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया था कि "हमे एक शख्स का शव केस पैंडिंग होने की वजह से नहीं मिलेगा। हम उसके परिवार को सबूतों के साथ ताबूत सौप देंगे, ताकि उन्हें कोई शक नहीं है।" इराक में इंडियन एंबेसेडर प्रदीप राजपुरोहित ने इस बात की जानकारी दी थी कि 38 भारतीयों के शवों को रविवार रात को ही सौंप दिया गया है। सोमवार शाम तक सभी भारतीयों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए।
एयरफोर्स के विमान से आए भारतीय शव
भारतीयों के शवों के अवशेष लाने के लिए जनरल वीके सिंह एयरफोर्स के बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर से गए थे और इसी विमान से सभी शवों को भारत लाया गया। बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर एयरफोर्स का एक बड़ा मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है। शनिवार को वीके सिंह ने बताया था कि भारतीयों के शवों को पहले अमृतसर लाया जाएगा। इसके बाद पटना और कोलकाता ले जाया जाएगा, जहां उनके परिजनों को शवों के अवशेष सौंपे जाएंगे। उन्होंने ये भी जानकारी दी थी कि शवों को उनके घर पर ही सम्मान के साथ सौंपा जाएगा। इसके लिए परिवारों को एयरपोर्ट आने की भी जरूरत नहीं है।
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सुषमा ने सदन में क्या जानकारी दी थी?
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को राज्यसभा में बताया था कि इराक गए 39 भारतीयों को आतंकी संगठन ISIS ने मार दिया है। उन्होंने बताया था कि इराक के बदूश शहर में शवों को दफनाया गया था, जिसके बाद डीप पेनीट्रेशन के जरिए शवों को खोजा गया और उन्हें निकालकर DNA टेस्ट किया गया, जिसमें उनके मारे जाने की पुष्टि हुई थी।
कैसे लगाया गया शवों का पता?
- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया था कि इराक के मोसुल को जब ISIS के कब्जे से छुड़ाया गया, तो उसके बाद वीके सिंह मोसुल गए थे। उन्होंने वहां भारतीयों की तलाश के लिए आसपास के लोगों से पूछताछ की।
- पूछताछ में पता चला कि ISIS ने कुछ लोगों को मारकर उनके शवों को बदूश शहर में एक टीले के नीचे दफना दिया है। जिसके बाद वीके सिंह बदूश शहर की तरफ गए।
- बदूश पहुंचकर वीके सिंह ने इराकी सरकार से डीप पेनीट्रेशन की मांग की। इसके जरिए पता चला कि टीले के नीचे 39 शव दबे हुए हैं।
- इसके बाद पहाड़ को खुदवाकर सभी शवों को निकाला गया। इन शवों के पास से कुछ कड़े भी मिले थे और कुछ लोगों के बाल भी लंबे थे, जिससे इनके भारतीय होने का अंदेशा हुआ।
- शव मिल जाने के बाद लापता भारतीयों के परिजनों से DNA लिया गया और सभी शवों का DNA टेस्ट कराया गया।
- DNA टेस्ट में पता चला कि ये शव उन्हीं भारतीयों के हैं, जो जून 2014 में लापता हो गए थे। 39 शवों में से 38 के DNA 100% मैच हो गए थे, जबकि एक शख्स का DNA 70% तक मैच हो पाया था।
- जब इस बात की पुष्टि हो गई कि सभी भारतीयों को मार दिया गया है, तो सुषमा स्वराज ने संसद में इसकी जानकारी दी।
सुषमा स्वराज ने किया खुलासा, इराक में लापता सभी 39 भारतीयों को ISIS ने मार डाला
2014 में लापता हुए थे 40 भारतीय
जून 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के इराक के मोसुल शहर में कब्जा करने के बाद 40 लोग लापता हो गए थे। इनमें से हरजीत मसीह को बांग्लादेशी नागरिक अली बताकर वापस भेज दिया गया था, जबकि 39 लोग ISIS के चंगुल में ही थे। ये सभी लोग मोसुल में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे। 39 भारतीयों के साथ-साथ 50 बांग्लादेशियों को भी किडनैप कर लिया गया था। बता दें कि इससे पहले तक उम्मीद थी कि सभी लोग इराक में किसी जेल में बंद हो सकते हैं।
इराक में कौन भारतीय मारे गए थे?
पंजाब : धरमिंदर कुमार, हरीश कुमार, हरसिमरत सिंह, कंवलजीत सिंह, मलकीत सिंह, रणजीत सिंह, सोनू, संदीप कुमार, मनजिंदर सिंह, गुरचरण सिंह, बलवंत राय, रूप लाल, देविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह, जतिंदर सिंह, निशान सिंग, गुरदीप सिंह, कमलजीत सिंह, गोबिंदर सिंह, प्रीतपाल सिंह, सुखविंदर सिंह, जसवीर सिंह, परमिंदर कुमार, बलवीर चंद, सुरजीत मेनका, नंद लाल और राकेश कुमार।
हिमाचल प्रदेश : अमन कुमार, संदीप सिंह राणा, इंदरजीत और हेमराज।
बिहार : संतोष कुमार सिंह, बिंध्यभूषण तिवारी, अदालत सिंह, सुनील कुमार कुशवाहा धर्मेंद्र कुमार और राजू कुमार यादव।
पश्चिम बंगाल : समर टीकादार और खोखन सिकंदर।
Created On :   2 April 2018 12:44 PM IST