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दैनिक भास्कर हिंदी: वायनाड: NH-766 पर युवाओं के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए राहुल गांधी

हाईलाइट
- NH 766 पर ट्रैफिक बैन के विरोध प्रदर्शन में राहुल ने दी शिरकत
- भूख हड़ताल के कारण अस्पताल में भर्ती युवाओं से की मुलाकात
- NH-766 मामले में सभी राजनीतिक पार्टियों को एक साथ बताया
डिजिटल डेस्क वायनाड। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज (शुक्रवार) NH 766 पर ट्रैफिक बैन को लेकर युवाओं द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन में शिरकत की। प्रदर्शन में शामिल होने से पहले राहुल ने अस्पताल में भर्ती उन लोगों से मुलाकात की जो लंबे समय से भूख हड़ताल के चलते बीमार हो गए।
I am in Wayanad, Kerala to stand in solidarity with the youth who have been on hunger strike, protesting against the travel ban on National Highway 766. Earlier I visited those who have had to be hospitalised, as a result of the prolonged fast. pic.twitter.com/eVqbHWMZJG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 4, 2019
ये है नेशनल हाईवे 766 मामला
करीब एक दशक पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बांदीपुर टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाले राजमार्ग पर यातायात प्रतिबंध लगा दिया था। टाइगर रिजर्व मार्ग के जरिये बाथेरी से मिसुरु पहुंचने के लिए केरल के स्थानीय लोगों को 98 किमी का सफर करना होता है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के सुझाए वैकल्पिक मार्ग से उन्हें 217 किमी का सफर तय करना होगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सैकड़ों स्टूडेंट्स इस मार्ग पर रोज सफर करते हैं। वहीं, इस राजमार्ग को पूरी तरह से बंद करने के कारण पर्यटन उद्योग पर भी बुरा असर पड़ेगा। इसी विरोध में प्रदर्शनकारी पिछले 10 से भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
केरल के वायनाड में बांदीपुर टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-766 पर रात में यातायात प्रतिबंध लागू है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में वैकल्पिक कट्टा गोनीकप्पा मार्ग को बेहतर कर टाइगर रिजर्व के हिस्से वाले एनएच-766 पर स्थायी यातायात प्रतिबंध लगाने की संभावना पर रिपोर्ट मांगी थी। वायनाड के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना था कि इस हिस्से पर पूरी तरह से यातायात बंद करने के बाद वैकल्पिक मार्ग से उन्हें काफी लंबा रास्ता तय करना होगा। इसका सबसे बुरा असर किसानों पर पड़ेगा। स्थानीय लोग इस हिस्से में एलिवेटेड रोड बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि वन्य जीव भी सुरक्षित रहें और उनका समय भी बर्बाद नहीं हो।
वहीं बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने साफ कर दिया है कि बांदीपुर नेशनल पार्क से रात को वाहनों की आवाजाही पर लगा बैन नहीं हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने दो दिना पहले बुधवार को कहा था कि मैं कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ नहीं जा सकता. हूं। कोर्ट ने बांदीपुर जंगल क्षेत्र में रात को वाहनों को जाने की अनुमति नहीं देने का आदेश दिया है। बांदीपुर नेशनल पार्क बाघों के लिए संरक्षित क्षेत्र है।
इधर राहुल ने अपने ट्वीट में कहा कि मैं NH 766 के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे युवाओं के साथ एकजुटता के साथ खड़े होने के लिए केरल के वायनाड में हूं। इससे पहले मैंने उन लोगों से मुलाकात की, जिनको लंबे समय तक उपवास रखने से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
यूथ कांग्रेस, यूथ लीग और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा 10 दिन से जारी इस भूख हड़ताल में ट्रैफिक बैन के संबंध में राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले में सभी राजनीतिक पार्टियां एकसाथ हैं। इस मुद्दे का हल होना चाहिए। उम्मीद है कि समाधान तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी मुद्दा है जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। हमने कानूनी विशेषज्ञों से बात की और उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
मोदी पर साधा निशाना
वायनाड में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी और BJP पर अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का आरोप भी लगाया। देश की निरंतर बिगड़ रही अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए राहुल ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी अर्थव्यवस्था थी जिसे नरेन्द्र मोदी और BJP ने बर्बाद कर दिया। उन्हें (पीएम मोदी और BJP) जवाब देना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, उन्होंने देश में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी क्यों पैदा की? नरेंद्र मोदी से इसी बात पर चर्चा करने की जरूरत है।
Congress leader Rahul Gandhi in Wayanad, Kerala: India's biggest strength was its economy which has been destroyed by Narendra Modi & the BJP. He should answer why he did so, why has he created massive joblessness in the country? That is the discussion Narendra Modi needs to have pic.twitter.com/GfOeKYLZYk
— ANI (@ANI) October 4, 2019
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।