रेप जैसी घटनाओं को हैंडल करने के लिए री-ट्रेन्ड की जाए पुलिस: मेनका गांधी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में बढ़ रही रेप की घटनाओं के मद्देनजर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यौन अपराधों से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। जिसके तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखे गए हैं। इस पत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री (WCD) मेनका गांधी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने और रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाने की बात लिखी है।
जांच करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश कठुआ, उन्नाव, सूरत, रोहतक और ऐटा, जैसी जगहों से मासूम बच्चों से बलात्कार की खबरें उबाल पर है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सभी पुलिस अधिकारियों को यौन अपराधों के विभिन्न पहलुओं पर विशेष रूप से उन सबूतों को इकट्ठा करने और सुरक्षित रखने से संबंधित ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि सभी पुलिस अधिकारियों को बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों की जांच पूरी करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
विशेष सेल बनाया जाना चाहिए
पत्र में यह भी लिखा गया है कि राज्य सरकारों को उन पुलिस अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो ऐसे मामलों के अपराधियों के साथ जांच या रोकथाम में बाधा डालते हैं। मेनका गांधी ने यौन अपराधों के लिए विशेष रूप से विशेष रूप से बच्चों पर यौन अपराधों के लिए विशेष सेल बनाए जाने की वकालत भी की। मंत्रालय ने राज्य सरकारों को उन राज्यों में फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की बनाने में सहायता की पेशकश की है जो यौन अपराधों की जांच में इस्तेमाल किया जा सकते हैं।
वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए
डब्लूसीसीडी मंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि बच्चे-सहायता लाइन नंबर 1098 के तहत POCSO के तहत स्थापित ई-बॉक्स का इस्तेमाल करने में बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करें। बता दें कि आज तक 175 महिलाओं और बाल विकास मंत्रालय द्वारा हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए हैं। मेनका गांधी ने जोर देकर कहा कि POCSO अधिनियम की धारा 21 उन सभी मामलों में लागू की जा सकती है जहां रिपोर्ट या रिकॉर्ड में विफलता देखी जाती है।
रेपिस्ट्स को मिले मौत की सजा
बता दें कि धारा 21 में कहा गया है कि "कोई भी अधिकारी जो किसी अपराध के आयोग की रिपोर्ट या रिकॉर्ड करने में विफल रहता है, वह दंड के लिए उत्तरदायी है।" डब्ल्यूसीडी मंत्री ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए राज्य सरकारों के सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि उनका विभाग बाल यौन अपराध विरोधी कानून पॉक्सो में संशोधन के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है ताकि 12 साल से कम उम्र के बच्चे-बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया जा सके।
Created On :   19 April 2018 4:11 PM IST