विश्व जल दिवस : जल पर मंडरा रहे संकट के बादल, बूंद-बूंद बचाएं पानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज विश्व जल दिवस है। ये दिवस जल संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है।1992 में पर्यावरण और विकास के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में ब्राजील ने विश्व जल दिवस मनाने की पहल की थी। जिसके बाद 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने 22 मार्च को "विश्व जल दिवस" घोषित कर दिया। आज के दिन पूरी दुनिया के लोग पानी बचाने का संकल्प लेते हैं और पानी के संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है।
विश्व जल दिवस पर पीएम का आग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व जल दिवस के मौके पर "जल शक्ति" के महत्व को रेखांकित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों द्वारा संरक्षित किए गए पानी से गांवों, शहरों और किसानों को बहुत लाभ मिलता है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि, विश्व जल दिवस जल शक्ति के महत्व को रेखांकित करने और जल संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का दिन है। जब पानी को संरक्षित किया जाता है तो इससे हमारे शहरों, गांवों और किसानों को बहुत लाभ मिलता है।
मंडरा रहे जल संकट के काले बादल
हर साल पूरी दुनिया जल संरक्षण के लिए विश्व जल दिवस मनाती है। इसके प्रति लोगों को हर तरीके से जागरूक भी किया जा जाता है लेकिन शायद ही लोग इसके प्रति पूरी तरह से सचेत हो पाए हैं। आज दुनिया के ऊपर जल संकट के काले बादल मंडरा रहे हैं। दुनिया में 84.4 करोड़ लोगों के पास स्वच्छ जल की सुविधा नहीं है। भारत में 16.3 करोड़ लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिलता है। प्रदूषण और कम होता वॉटर लेवल भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
बेंगलुरू बढ़ रहा "डे जीरो" की ओर
सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वाइरनमेंट (CSE) की पत्रिका "डाउन-टु-अर्थ" में छपी एक में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक देश के 200 शहर पानी किल्लत से जूझ रहे हैं, इन 10 शहरों में इंडिया का आईटी हब बेंगलुरु शहर भी है, जो अब "डे जीरो" की ओर बढ़ रहा है। रिपोर्ट में बेंगलुरु को भारत का केपटाउन बताया गया है।
जानिए क्या है "डे जीरो"
वो दिन जब नल से पानी आना बंद हो जाएगा और पीने के लिए लोग पानी की एक-एक बूंद को तरसेंगे। बेंगलुरु और चेन्नई दोनों ही शहरों में पानी का संकट है, दोनों ही शहरों में काफी तेजी से पानी का जलस्तर घटा है।
2050 तक हो जाएगी पानी की बेहद कमी
2050 तक भारत में पानी की बेहद कमी होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि आने वाले दिनों में औसत वार्षिक पानी की उपलब्धता काफी कम होने वाली है। वहीं प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता का लेवल भी काफी कम हो जाएगा। जल से संबंधित एक रिपोर्ट के अनुसार 2001 में 1,820 प्रति व्यक्ति क्यूबिक मीटर पानी था। जो कम होकर 2011 में 1545 रह गया। रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ सालों में इसका औसत और कम होता जाएगा। 2025 में ये 1341 क्यूबिक मीटर रह जाएगा वहीं 2050 में घटकर 1140 क्यूबिक मीटर तक पहुंच जाएगा।
40 फीसदी जल संसाधन हो जाएंगे कम
2050 तक भारी जल संकट उत्पन्न हो जाएगा। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में 40 फीसदी तक जल संसाधन कम हो जाएंगे, जिसके कारण देश में पानी की बहुत कमी हो जाएगी। ये आंकड़े हाल ही में जारी यूनेस्को की एक रिपोर्ट में दिखाए गए हैं।
यूनेस्कों की रिपोर्ट में जल संकट की तस्वीर
यूनेस्को की रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ इंडिया पहले से ही जल संकट से जूझ रहा है। इस पर जल संसाधन विभाग के प्रमुख एसके सरकार ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में भूजल की बेहद कमी है। वहीं दक्षिण और मध्य भारत में 2050 तक नदियों में खराब जल की गुणवत्ता और बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन में खराब पदार्थों की डंपिंग से भूजल और ज्यादा प्रदूषित हो जाता है। खुले में शौच और गड्ढों में मल नष्ट करने से जमीन में बैक्टीरिया शामिल होते हैं।
बूंद-बूंद बचाएं पानी
गहराते जल संकट की स्थिति को देखते हुए हम सबको मिलकर बूंद-बूंद पानी बचाने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। जानकारी के मुताबिक धरती पर फिलहाल 1 अरब 40 घन किलोलीटर पानी मौजूद है, इसके बाद भी 1.5 अरब लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। 97.5 फीसदी पानी समुद्र में है। खारा होने के कारण इस जल को नहीं पिया जा सकता।
ऐसे बचाएं पानी
नल बंद रखें- बता दें कि अगर नल खुला रह जाता है तो 5 मिनट में लगभग 30 लीटर पानी बह जाता है। एक तरह से ये पानी की बर्बादी ही है। जिसे हमें रोकना चाहिए।
नहाते वक्त छोटी बाल्टी का प्रयोग- नहाते समय आप बड़े शॉवर की जगह छोटी बाल्टी का प्रयोग कर पानी बचा सकते हैं।
गीले कपड़े से क्लीन करें कार- तेज प्रेशर वाले पानी से कार धोने की बजाय गीले कपड़े से साफ करें। ऐसा करके आप काफी पानी सुरक्षित कर सकते हैं।
यूज्ड वॉटर पार्क में डालें- किचन के यूज्ड पानी को कहीं भी फेंकने की बजाय पार्क में डालें।
ब्रश- शेविंग करते समय नल बंद कर दें- ब्रश करने समय या शेविंग करते समय नल को बंद करके भी काफी मात्रा में पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है।
Created On :   22 March 2018 3:56 PM IST