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जेल में कैद युवक के खिलाफ किस आधार पर की गई एनएसए की कार्रवाई - गृह सचिव को नोटिस
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने प्रदेश के गृह सचिव, जबलपुर के संभागायुक्त, कलेक्टर, एसपी और पनागर थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि सेंट्रल जेल जबलपुर में निरूद्ध युवक के खिलाफ किस आधार पर एनएसए की कार्रवाई की गई। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विशाल धगट की युगल ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
लंबे समय से सेंट्रल जेल जबलपुर में निरूद्द्ध है
परियट पनागर निवासी कृष्णा यादव की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वह लंबे समय से सेंट्रल जेल जबलपुर में निरूद्द्ध है। जेल में निरूद्द्ध रहने के दौरान जबलपुर की तत्कालीन कलेक्टर छवि भारद्वाज ने उसके खिलाफ 23 अप्रैल 2019 को एनएसए का आदेश पारित किया था। इस आदेश का क्रियान्वयन 22 जुलाई 2019 को उस वक्त किया गया, जब उसकी सभी आपराधिक मामलों में जमानत हो गई थी। अधिवक्ता ईशान सोनी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ की गई एनएसए की कार्रवाई नियम विरूद्द्ध है। यह कार्रवाई पूरी तरह दुर्भावना से प्रेरित है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अनुसार एनएसए का आदेश पारित करने के बाद एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार की स्वीकृति लेना चाहिए, लेकिन इस मामले में राज्य सरकार की स्वीकृति नहीं ली गई। एनएसए का आदेश केन्द्र सरकार को भी नहीं भेजा गया। युगल पीठ से युवक के खिलाफ की गई एनएसए की कार्रवाई निरस्त करने का अनुरोध किया गया। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
Created On :   10 Sep 2019 8:51 AM GMT