राज्यसभा में बोले उपराष्ट्रपति- ये स्वतंत्र भारत है, यहां विनती न करें

vice president Venkaiah Naidu speak in rajya sabha in winter session
राज्यसभा में बोले उपराष्ट्रपति- ये स्वतंत्र भारत है, यहां विनती न करें
राज्यसभा में बोले उपराष्ट्रपति- ये स्वतंत्र भारत है, यहां विनती न करें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा के सभापति के रूप में पदभार संभाला। उपराष्ट्रपति ने सत्र के पहले दिन सदन के संचालन में कुछ बदलाव की पेशकश की। साथ ही उन्होंने सभी मंत्रियों और सांसदों को सदन में रिपोर्ट पेश करते बक्त औपनिवेशिक काल के शब्दों को इस्तेमाल न करनी की सलाह भी दे डाली। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है ऐसे में "विनती करने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि मैं यह आदेश नहीं, मेरा सुझाव है।

बता दें कि आज से देश की संसद में शीतकालीन सत्र की शुरूआत हुई। सत्र के पहले कार्यवाही के दौरान जब मंत्रियों ने रिपोर्ट पेश कर रहे थे तभी उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें कार्यवाही के दौरान दस्तावेज रखते समय "मैं विनती करता हूं" जैसे औपनिवेशिक काल के शब्दों से बचना है। उन्होंने कहा कि ये मेरा सुझाव है। हमें इन शब्दों कि जगह दस्तावेज या रिपोर्ट पेश करते समय केवल इस तरह कहना चाहिए कि मैं सदन के पटल पर ये दस्तावेज या रिपोर्ट पेश करने के लिए खड़ा हुआ हूं।

शीतकालीन सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दिवंगत पूर्व सदस्यों के योगदान का उल्लेख खड़े होकर किया। वहीं इससे पहले हामिद अंसारी और भैरो सिंह शेखावत ऐसा नहीं करते थे वे अपने स्थान पर बैठ कर ही योगदान का उल्लेख करते थे। उपराष्ट्रपति की तरह ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन श्रद्धांजलि उल्लेखों को खड़े होकर ही पढ़ती हैं।

गौरतलब है कि एम वेंकैया नायडू ने भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के तौर पर अगस्त में अपना पदभार संभाला था। उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में पदभार ग्रहण करने पर कहा था कि सदन अपने मुद्दों को रखने, बहस करने और चर्चा करने के लिए है, न कि गतिरोध उत्पन्न करने के लिए। एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के प्रत्याशी गांधी जी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को मात दी थी।

Created On :   15 Dec 2017 5:16 PM IST

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