Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में अबू आजमी का फडणवीस सरकार पर हमला, शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर कोलकाता पुलिस को दी बधाई

- शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर कोलकाता पुलिस को दी बधाई
- महाराष्ट्र में अबू आजमी का फडणवीस सरकार पर हमला
- 'ट्रम्प के सामने घुटने टेकने वाली सरकार नहीं चाहिए'- अबू आजमी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और विधायक अबू आजमी ने कोलकाता में शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर कोलकाता पुलिस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति किसी धर्म, धर्मगुरु, पवित्र ग्रंथ या समुदाय का अपमान करता है, उसके खिलाफ सख्त आतंकवाद विरोधी कानून लागू होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर नफरत फैलाने वालों को खुली छूट देने का गंभीर आरोप लगाया।
क्या बोले अबू आजमी?
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए आजमी ने कहा, "कोलकाता पुलिस को बधाई। समाजवादी पार्टी की हमेशा से मांग रही है कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बने, जिसमें कम से कम 10 साल की सजा और गैर-जमानती प्रावधान हो।" उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के कई मंत्रियों पर हेट स्पीच और समाज में जहर घोलने के 34 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
लाउडस्पीकर विवाद पर सवाल
लाउडस्पीकर के मुद्दे पर आजमी ने तीखा सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "मस्जिद, मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा और त्योहारों में लाउडस्पीकर का उपयोग समान रूप से होता है। अगर कानून सबके लिए बराबर है, तो सिर्फ मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर ही आपत्ति क्यों? क्या अदालत के निर्देश केवल मुसलमानों पर लागू होते हैं?"
'ट्रम्प के सामने घुटने टेकने वाली सरकार नहीं चाहिए'
आजमी ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हमारे देश के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रम्प नहीं, नरेंद्र मोदी जी हैं। पाकिस्तान ने हमारे साथ जो किया, उसका जवाब देना चाहिए था। देश को लाल आंख और 56 इंच के सीने वाली सरकार चाहिए, न कि ट्रम्प के सामने घुटने टेकने वाली।"
'मुसलमानों से धर्म पूछकर मारा जा रहा'
आजमी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा। हमारे यहां सत्ताधारी नेता और मंत्री मुसलमानों से उनका धर्म पूछकर व्यापार करने वालों और बेकसूरों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे लोगों और आतंकवादियों में क्या फर्क है?"
कानून की मांग
आजमी ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों के खिलाफ कठोर कानून की वकालत की। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कानून बनना चाहिए, जिसमें कम से कम 10 साल की सजा और गैर-जमानती प्रावधान हो, ताकि नफरत फैलाने वालों पर लगाम लग सके।
Created On :   31 May 2025 11:11 PM IST