मॉनसून सत्र 2025: 'सरकार ने पायलटों के हाथ बांध दिए, इंदिरा ने सेना को खुली छूट दी थी', ऑपरेशन सिंदूर पर बोले राहुल गांधी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में जारी मॉनसून सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर जमकर बवाल देखने को मिल रहा है। सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की। इस दौरान विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पायलटों के हाथ बांध दिए, लेकिन 1971 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सेना को खुली छूट दी थी।
गलती सेना की नहीं, सरकार की थी - राहुल गांधी
उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने गलती की है। हमारी किसी से लड़ाई हुई है और हम उससे कहें कि भैया अब ठीक है, हम लड़ाई नहीं चाहते। हमने आपको एक थप्पड़ मारा है, दूसरा थप्पड़ नहीं मारेंगे। गलती सेना की नहीं, सरकार की थी।”
राहुल ने कहा, “ट्रंप ने 29 बार कहा है कि हमने युद्ध रुकवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि वह असत्य बोल रहे हैं। इंदिरा गांधी के 50 प्रतिशत भी हिम्मत होगी उनमें, तो यहां बोल देंगे। अगर सचमुच में दम है तो पीएम को यहां कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहा है।”
उन्होंने कहा, “एक नई चीज चली है, नया शब्द चला है- न्यू नॉर्मल। विदेश मंत्री ने यहां इस्तेमाल किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि सभी इस्लामिक देशों ने निंदा की है, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम के बाद एक भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की। हर देश ने आतंकवाद की निंदा की।”
पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया - राहुल गांधी
उन्होंने कहा, “रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1।35 बजे पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए।”
इसके बाद राहुल गांधी ने पहलगाम हमले को क्रूर बताते हुए कहा कि जो हुआ, वह गलत हुआ। सभी ने इसकी निंदा की। हम चट्टान की तरह चुनी हुई सरकार के साथ खड़े रहे। हम पहलगाम हमले के बाद नरवाल साहब के घर गए, उनका पुत्र नेवी में था। यूपी में भी पीड़ित परिवार से मिलने गए। कश्मीर में भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। हम राजनीतिक काम से लोगों से मिलते रहते हैं। जब हाथ मिलाते हो तब पता चल जाता है कि ये टाइगर है। टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। से ना को पूरी आजादी देनी होती है। राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। 1971 में तब की प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह नहीं की। एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया।”
राहुल गांधी ने कहा, “कल सोमवार को भारत के फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी से सैम मॉनेक शॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते हैं, हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे। इंदिरा गांधी ने उन्हें पूरा समय दिया था।”
Created On :   29 July 2025 7:11 PM IST