भोपाल : संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया
- स्वास्थ्यकर्मियों का भविष्य दांव पर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले के बाहर कई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सोमवार को अपने भविष्य को लेकर चिंता जताते हुए सरकार पर नौकरी नियमित करने का दबाव बनाने के लिए धरना दिया। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं में से एक ने कहा कि उन्हें स्थायी नियुक्तियां दी जानी चाहिए, क्योंकि वे एक दशक से अधिक समय से लोगों की सेवा कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (एमपीपीईबी) द्वारा समूह 5 की नई भर्ती में नियमों में बदलाव की भी मांग की। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि जो स्वास्थ्य कर्मचारी 10 से 15 साल से काम कर रहे हैं, उन्हें बिना किसी परीक्षा के समायोजित (पदों के लिए) करने की जरूरत है, क्योंकि विभाग में पद खाली हैं।
संविदा कर्मचारी संघ के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह भदौरिया ने कहा, यह पहली बार नहीं है, जब संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांग पर ध्यान देने के लिए आवाज उठा रहे हैं। हमें सरकार से आश्वासनों के एक गुच्छा के अलावा कुछ भी नहीं मिला। 15 से 20 साल हो गए हैं, लेकिन कोई राहत नहीं दी गई है। बीजेपी सरकार ने पांच जून 2018 को एक नीति लागू की थी, लेकिन उसका भी लाभ हमें नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि जिन स्वास्थ्यकर्मियों ने दूसरों के लिए आयुष्मान कार्ड प्राप्त करने में मदद की, वे इन कार्डो के लिए पात्र नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा, हम बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड के लिए भी योग्य नहीं हैं .. हम बीमा के लिए पात्र नहीं हैं। इसलिए हम मंत्री से हमारी मांग को स्वीकार करने का अनुरोध करते हैं, ताकि हम अपने कार्यस्थल पर लौट सकें और जनता की सेवा कर सकें।
विपक्षी कांग्रेस ने भी विरोध कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए। कांग्रेस इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती परीक्षा के नियमों में अविलंब संशोधन जारी करना चाहिए। भर्ती परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन से प्रदेश के 7000 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का भविष्य दांव पर है।
आईएएनएस
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Created On :   28 March 2023 12:00 AM IST