मुंबई में कंगना का ऑफिस तोड़ने पर बीएमसी की हुई निंदा
- मुंबई में कंगना का ऑफिस तोड़ने पर बीएमसी की हुई निंदा
नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) द्वारा मुंबई में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस को ध्वस्त करने के बाद कई संगठन अभिनेत्री के समर्थन में सामने आए हैं। साथ ही हिमाचली मित्र मंडल ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और केंद्र से मामले में हस्तक्षेप करने के लिए संपर्क भी किया है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में बसे हिमाचल प्रदेश के लोगों के शीर्ष संगठन हिमाचल मित्र मंडल (एचएमएम) ने एनसीडब्ल्यू और केंद्र से अनुरोध किया कि वे रनौत पर महाराष्ट्र की सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार के मामले में हस्तक्षेप करे और उसे रोके। कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं।
बीएमसी द्वारा बुधवार को अभिनेत्री के दफ्तर में कथित अनधिकृत निर्माण कार्य और एक्सटेंशन को लेकर उनके बांद्रा स्थित ऑफिस को ध्वस्त करने के बाद ये प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं। अभिनेत्री ने बीएमसी द्वारा ध्वस्त किए गए अपने ऑफिस की तस्वीरें साझा की और उस पर प्रतिक्रिया भी दी थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बाद में ऑफिस गिराने के काम पर स्थगन आदेश दे दिया था।
एचएमएम दिल्ली की अध्यक्ष चंदकांता ने एक बयान में मुंबई हवाई अड्डे पर शिवसेना के कार्यकतार्ओं द्वारा रनौत की सुरक्षा को खतरे में डालने और शहर में उनके आगमन पर धमकाने को सरकार की गुंडागर्दी बताई और इसकी निंदा की।
चंद्रकांता ने मुंबई स्थित प्रवासी हिमाचली कार्यकतार्ओं और संघों को अभिनेत्री के लिए एकजुट होने के लिए कहा।
उन्होंने रनौत को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि शिवसेना के असामाजिक तत्वों को मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा और अभिनेत्री को बिना किसी भय या धमकी के अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
इसी तरह प्रवासी कश्मीरी पंडितों के पुनर्मिलन, राहत और पुनर्वास ने भी रनौत के खिलाफ बीएमसी कार्रवाई की निंदा की। संगठन के अध्यक्ष सतीश महालदार ने एक बयान में कहा, मुंबई में रनौत के कार्यालय पर उनकी अनुपस्थिति में बुलडोजर चलाने की इस चिंता की घड़ी में हम अभिनेत्री को अपना समर्थन देते हैं।
महालदार ने कहा कि यह निराशाजनक है कि महाराष्ट्र सरकार और प्रशासन ने इतनी ह़ड़बड़ी में इसे अंजाम दिया।
उन्होंने आगे कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है और इस तथ्य को देखते हुए कि हर साल मुंबई में इतने सारे घर या इमारतें गिर जाती हैं और लोगों की मौत हो जाती है तब सरकार सोती रहती है।
उन्होंने आगे कहा, यह कार्रवाई राजनीति प्रतिशोध और उत्पीड़न का उदाहरण है।
कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा पर फिल्म बनाने के रनौत के बयान को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा, उन्होंने कहा है कि वह कश्मीरी पंडित शरणार्थियों के साथ सहानुभूति रखती हैं, जिन्होंने 30 साल पहले कश्मीर में अपना घर खो दिया था। उन्होंने कहा है कि वह घर तोड़े जाने के दर्द को समझती हैं।
महालदार ने आगे कहा, रनौत बॉलीवुड की पहली कलाकार हैं, जिन्होंने 30 वर्षों में पहली बार हमारी दुर्दशा के बारे में बात की है। कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के बारे में महसूस करने और बोलने के लिए हम उनके आभारी हैं, जो पिछले तीन दशकों से पीड़ित हैं।
एमएनएस-एसकेपी
Created On :   10 Sept 2020 10:00 AM IST