पांच राज्यों के चुनावों में बिना मुख्यमंत्री चेहरे के उतरेगी कांग्रेस

Congress will go in the elections of five states without a chief minister face
पांच राज्यों के चुनावों में बिना मुख्यमंत्री चेहरे के उतरेगी कांग्रेस
विधानसभा चुनाव 2022 पांच राज्यों के चुनावों में बिना मुख्यमंत्री चेहरे के उतरेगी कांग्रेस
हाईलाइट
  • नतीजे तय करेंगे मुख्यमंत्री चेहरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगले महीने से शुरू पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए बिना मैदान में उतरेगी। पार्टी ने पंजाब में मुख्यमंत्री का मौजूदा चेहरा होने के बावजूद यह फैसला लिया है।

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद ही मुख्यमंत्री चेहरे पर फैसला होगा और कांग्रेस विधायक दल आलाकमान की सहमति से नया नेता चुनेगा। पार्टी कुछ मौकों को छोड़कर आमतौर पर मुख्यमंत्री का चेहरा पेश नहीं करती है। पंजाब और उत्तराखंड में हालांकि कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मुख्यमंत्री चहरे सामने लाकर चुनाव लड़ा जाए। उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थक चाहते हैं कि उनके नेता को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश किया जाए। लेकिन पार्टी का कहना है कि वह चुनाव से पहले अन्य गुटों को अलग-थलग करने का जोखिम नहीं उठाएगी।

कांग्रेस को पंजाब में सत्ता बनाए रखने और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा के खिलाफ एक विश्वसनीय प्रदर्शन के साथ आने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश को छोड़कर तीन राज्यों में पार्टी का सीधा मुकाबला भाजपा से है, जबकि पंजाब में उसका सामना अकाली दल-बसपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी से है। हालांकि यह उत्तर प्रदेश में मुख्य चुनौती नहीं है, लेकिन कांग्रेस इस मुकाबले में बसपा से आगे रहना चाहती है। कांग्रेस गोवा में फिलहाल संकट का सामना कर रही है, क्योंकि लगभग सभी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। पार्टी ने अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों - दिगंबर कामत, प्रताप सिंह राणे और फ्रांसिस्को सरदिन्हा में से किसी को भी मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश करने का फैसला नहीं किया है। हालांकि ये शीर्ष पद के दावेदारों में शामिल हैं।

मणिपुर में भी कांग्रेस को चुनाव से पहले पलायन का सामना करना पड़ा है। वहां पार्टी अगर सत्ता में आती है, तो पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह को एक और मौका दिया जा सकता है, लेकिन किसी को मुख्यमंत्री चेहरा के तौरपर पेश नहीं किया जाएगा। पार्टी पूर्वोत्तर राज्य पर विशेष ध्यान दे रही है और जयराम रमेश को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। मणिपुर में पिछले चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, जो यूपी में पार्टी की शीर्ष पसंद हैं, लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि किसी को सीएम के रूप में पेश किया जा सकता है। हालांकि पार्टी के पास अन्य चुनाव वाले राज्यों की तुलना में यूपी में बहुत कम मौका है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   9 Jan 2022 1:30 PM GMT

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