UP Politics: 'हमारी मायथोलॉजी कहती है कि इंसान...' सपा नेता ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को लेकर कही ये बात

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन की टिप्पणी सामने आई है। उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय अपनी मातृभूमिक के लिए जान, खून और तन-मन-धन न्यौछावर कर सकते हैं। और गाने को पूजा मानते हैं। इस वजह से इसे नहीं गा सकते हैं। उन्होंने इस गीत को 'जमीन की पूजा' बताया है। और कहा कि मुसलमान केवल अल्लाह की इबादत करते हैं, न कि किसी दूसरी चीज की।
आपकों बताते चलते है कि 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में पूरे साल चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन किया है। इस दौरान स्मरण टिकट और सिक्का भी जारी किया है।
सपा नेता ने राष्ट्रीय गीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम अपनी मातृभूमि, अपनी जन्मभूमि के लिए अपनी जान न्यौछावर और खून दे सकते हैं। सारे सेक्रिफाइस करने को तैयार है। लेकिन पूजा हम नहीं कर सकते हैं। पूजा उसी की की जाती है, जिसने इंसान को जन्म दिया है। जो सबका मालिक, खालिक और पालनहार है। इस कारण से हम वंदे मातरम् गीत नहीं गा सकते, क्योंकि वह जमीन की पूजा है।
उन्होंने आगे कहा, "मैं अल्लाह कहता हूं, आप ॐ कहते हैं, ईश्वर कहते हैं, कोई गॉड कहता है, कोई वाहेगुरु। हम सब उसकी इबादत करते हैं। बाकी दुनिया की किसी चीज की इबादत हम नहीं कर सकते।"
पूर्व सांसद का कहना है, "हमारी मायथोलॉजी कहती है कि इंसान अशरफुल मखलूकात है। दुनिया में जो भी चीजें बनाई गई हैं- हवा, पानी, पेड़-पौधे, जानवर, दरियां। ये इंसान की जिंदगी को आसेट करने के लिए बनाई गई हैं, न कि इंसान इनके लिए। हम किसी भी ऐसी चीज की पूजा नहीं कर सकते, सिर्फ अपने पैदा करने वाले की पूजा कर सकते हैं, जो सभी मजहब के लोग भी करते हैं।"
Created On :   8 Nov 2025 1:26 AM IST













