बिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA या गठबंधन के जीतने पर किसे समर्थन देंगे तेज प्रताप, जानें किसकी ओर रहेगा रुख

- बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज
- NDA या गठबंधन के जीतने पर किसे समर्थन देंगे तेज प्रताप
- जानें किसकी ओर रहेगा रुख
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में दूसरे चरण के मतदान के लिए सियासी दलों के नेता जोर-शोर के साथ वोटर्स को अपने पक्ष में साधने के लिए चुनावी रैलियां कर रहे हैं। इस बीच जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के मुखिया तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को बयान से सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गरम हो गया है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में जीतने वाले गठबंधन को समर्थन देने की बात कही।
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तेज प्रताप यादव किसे देंगे समर्थन
मीडिया से बातचीत के दौरान तेज प्रताप ने कहा कि 14 तारीख को जनता जिसको चुनेगी, हम उसी का समर्थन करेंगे, चाहे वो कोई भी हो। तेज प्रताप यादव के इस बयान से बिहार की सियासत में नई अटकलों को जन्म दे दिया है।
तेज प्रताप यादव ने कहा कि इस बार बिहार में जनता बदलाव चाहती है और 14 नवंबर को ये बदलाव साफ दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि 14 तारीख को पूर्ण बदलाव होगा। मैं उसी का साथ दूंगा जो असली मुद्दों पर बात करेगा. रोजगार पैदा करेगा, पलायन रोकेगा और किसानों की समस्याओं को हल करेगा। उन्होंने साफ किया कि उनकी राजनीति किसी व्यक्ति या दल के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता के हक के लिए है। हमारा मकसद सत्ता में आना नहीं, बल्कि जनता की आवाज बनना है. जो भी दल या नेता जनता के हित में काम करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा।
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एनडीए में शामिल होने के सवाल पर कही ये बात
इस दौरान जब तेज प्रताप यादव से पूछा गया कि क्या वह एनडीए में शामिल होंगे। इस पर उन्होंने कहा कि राजनीति में दरवाजे बंद नहीं होते है। अगर कोई दल बहुमत लेकर आता है और जनता के लिए काम करने का वादा करता है, तो मैं उसका समर्थन करूंगा। लेकिन यह समर्थन शर्तों पर होगा और सिर्फ जनता के विकास के लिए होगा।
इसके बाद अंत में तेज प्रताप यादव ने कहा कि जनता सबसे बड़ी ताकत है। 14 तारीख को वही फैसला करेगी कि बिहार का भविष्य कौन संभालेगा और मैं उसी जनता के फैसले के साथ रहूंगा। यह बयान साफ करता है कि बिहार चुनाव के इस चरण में तेज प्रताप यादव ने अपने लिए 'जनता समर्थक' छवि बनाने की ठोस कोशिश की है। एक ऐसे नेता की, जो दल से ऊपर उठकर बिहार के हितों की बात कर रहा है।
तेज प्रताप यादव के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक रणनीतिक लचीलापन बताया है। वहीं, कुछ तेज प्रताप के बयान को व्यक्तिगत रूख का संकेत बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह बयान आरजेडी की पारंपरिक नीति से थोड़ा अलग है। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, तेज प्रताप की इस टिप्पणी ने बिहार की सियासत में नई हलचल मचा दी है। यह बयान न केवल एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए मायने रखता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि चुनावी नतीजों के बाद गठबंधन की राजनीति किस दिशा में जाएगी।
Created On :   7 Nov 2025 5:14 PM IST












