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बंगाल : समन को नजरअंदाज करने पर राज्यपाल ने मुख्य सचिव, डीजीपी से मांगा स्पष्टीकरण

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम पांच बजे उनके साथ होने वाली बैठक में शामिल नहीं होने पर मंगलवार को अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी और डीजीपी मनोज मालवीय से स्पष्टीकरण मांगा। धनखड़ ने राज्य सरकार के दो शीर्ष अधिकारियों को उन्हें भाजपा नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी से जुड़ी एक घटना के बारे में जानकारी देने के लिए तलब किया था, जिन्हें शुक्रवार को झाड़ग्राम जिले के बिनपुर ब्लॉक के नेताई गांव में प्रवेश करने से कथित तौर पर रोक दिया गया था।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा बुलाए जाने के बावजूद राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सोमवार को राजभवन नहीं पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में कहा है कि एक निर्देशानुसार कोरोना की स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
ऐसे में राज्यपाल ने इस बार मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी और डीजीपी मनोज मालवीय से पूछा कि उन्हें आखिर ऐसा निर्देश किससे मिला है? झाड़ग्राम के नेताई में पूर्व घोषित कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी को पिछले शुक्रवार को पुलिस ने कथित तौर पर रोक दिया था और वहां नहीं जाने दिया था।
ट्वीट्स की एक सीरीज में, धनखड़ ने कहा है कि मुख्य सचिव और बंगाल पुलिस के डीजीपी द्वारा राज्यपाल के साथ बैठक के बहिष्कार को लेकर भेजे गए समान संदेशों को देखकर दंग रह गया हूं। आखिर मुख्य सचिव/डीजीपी ने किसके दिशानिर्देश के तहत संदेश भेजे गए हैं। राज्यपाल की प्रतिक्रिया दो शीर्ष अधिकारियों द्वारा धनखड़ को एक जैसे संदेश भेजे जाने के बाद आई है।
राज्यपाल ने मुख्य सचिव और डीजीपी को राजभवन में तलब किया था और जानना चाहा था कि अदालत की अनुमति के बावजूद विपक्षी नेता रास्ते में क्यों हिरासत में लिया गया? लेकिन दोनों ही अधिकारी उनसे मिलने नहीं गए, बल्कि राज्यपाल को एक पत्र भेज दिया, जिसमें कहा गया कि कई नौकरशाह संक्रमित होने की वजह से वे लोग अलग रह रहे हैं।
इसके अलावा दूसरा कारण बताया गया कि स्थिति को नियंत्रित करने और गंगासागर मेला आयोजित करने की भी उन पर जिम्मेदारी है। इसलिए वे निर्देश के अनुसार, राजभवन में नहीं गए। उन्होंने कहा कि स्थिति कुछ सामान्य हो जाएगी तो नेताई को लेकर राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जवाब से असंतुष्ट राज्यपाल ने सोमवार शाम पांच बजे तक राज्य के दो शीर्ष अधिकारियों को तलब किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि विपक्षी नेता शुभेंदु के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
राज्यपाल ने दो शीर्ष अधिकारियों के कथित ढीले रवैये पर आश्चर्य करते हुए लिखा कि दोनों अधिकारियों की ओर से उनकी कार्रवाई का उपहास किया गया और राज्यपाल के कार्यालय का अपमान किया गया है। इसके अलावा राज्यपाल ने उनके आचरण की भी निंदा की। संवैधानिक प्रमुख की बैठक का बहिष्कार करने पर धनखड़ ने इसे संविधान और कानून के अनुसार शासन के खिलाफ बताया।
उन्होंने आगे कहा कि उनकी ओर से यह कदम प्रथम दृष्टया अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 की घोर अवहेलना है। यह मुख्य सचिव - राज्य में नौकरशाही का आधार - और डीजीपी - दोनों के संदेशों से देखा जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें इस तरह के मुद्दे पर मुख्य सचिव और डीजीपी के इस तरह के ढुलमुल रवैये की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, इस स्थिति में मैं मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों को यह निर्देश देने के लिए विवश हूं कि वे उस प्राधिकरण को इंगित करें, जिनके निर्देश के तहत संदेश इस कार्यालय को भेजा गया है और इस तरह के निर्देश के लिए किस कानूनी आधार की मांग की गई है।
राज्य प्रशासन को राज्यपाल का निर्देश तब सामने आया था, जब अधिकारी ने धनखड़ को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उन्हें नेताई जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अधिकारी वहां 2011 में वाममोर्चा शासन के दौरान मारे गए नौ लोगों को श्रद्धांजलि देने जा रहे थे।
अधिकारी ने शिकायत की थी कि नेताई के रास्ते में, पश्चिम बंगाल पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने पूरी सड़क पर बैरिकेडिंग करते हुए उनका रास्ता रोक दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एजी द्वारा उच्च न्यायालय को आश्वासन दिए जाने के बावजूद कि विपक्ष के नेता राज्य में कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं, उन्हें रोका गया। 7 जनवरी, 2011 को वाम मोर्चा शासन के दौरान, हथियारबंद गुंडों ने नेताई के निर्दोष ग्रामीणों को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थीं, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
(आईएएनएस)
स्वतंत्रता दिवस: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास से मनाया 75वां स्वतंत्रता दिवस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में 75 वां आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आजादी का यह महोत्सव विश्वविद्यालय ने आजादी के अमर नायकों को समर्पित करते हुए आयोजित किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया और कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह विषेष रूप से उपस्थित थे। इस मौके पर एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स ने फ्लैग मार्च करते हुए राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। साथ ही परेड में स्पोर्ट्स क्लब, एनएसएस और स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल (सैक) भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएनटीयू के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने इस अवसर पर कहा कि ये उत्साह और उमंग की वापसी एक ऐसे आह्वान के ऊपर हो रही है जो इस समय पूरे देश में है। हमारे देश ने जिस तरह की प्रगति पिछले कुछ वर्षों में की है जिस आधार पर यह प्रगति की गई है वो निश्चित ही गर्व के योग्य है। कोविड के दौरान हमने विश्व मानवता हेतु दवाएं एक्सपोर्ट कीं। कोविड में हमने लोगों को बताया कि यदि जीवन शैली है तो वो भारतीय जीवन शैली है जिसके माध्यम से विष्व बचा रह सकता है। हमारी परंपरा ही हमारी रीढ़. की हड्डी है जो हमें बचाए रहती है। हमारा विश्वविद्यालय सदैव यही प्रयत्न करता है कि एकता, अखंडता और सद्भाव का हम यहां उदाहरण प्रस्तुत करें। कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने विद्यार्थियों से कहा कि यह समय सकारात्मक ऊर्जा का है। सभी को अपने कार्यक्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए ताकि हम राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे सकें। वहीं कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह जी ने कहा कि इस समय विद्यार्थियों के सामने अनंत संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों को देश को आगे ले जाने का संकल्प लेना चाहिये।
विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल के छात्र रिषी रघुवंषी और एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स चिराग और ग्रुप ने देशभक्ति गीत गाकर देशभक्ति का समां बांध दिया। एनएसएस के स्वयंसेवक अविनाष और ग्रुप एवं सैक के टीना और नेहा ने ग्रुप डांस की मनमोहक प्रस्तुति दी। वहीं छात्र विवेक भास्कर ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इसी क्रम में टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा रबीन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी पर आधारित नाटक ‘एकला चलो रे’ की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर आजादी के 75वें वर्ष तथा देश में पहली बार आयोजित ‘हर-घर तिरंगा’ कार्यक्रम के भावी स्मरणार्थ राष्ट्रीय कैडेट कोर के नेवल विंग और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के बैनर तले कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, कुलपति डॉ. ब्रम्ह प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, एनसीसी आफिसर सब लेफ्टिनेंट मनोज मनराल, कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा गुप्ता एवं श्री गब्बर सिंह सहित समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में पौधारोपण भी किया गया। आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करने पर इन पौधों के सम्मुख विद्यार्थियों को ले जाकर आजादी की कहानियां सुनाने का प्रण भी लिया गया। कार्यक्रम का संचालन विवेक भास्कर एवं संस्कृति द्वारा किया गया।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
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