भारत ने पिछले तीन वर्षों में रक्षा आयात में 10 प्रतिशत की कमी की
- भारत ने पिछले तीन वर्षों में रक्षा आयात में 10 प्रतिशत की कमी की: सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत पिछले तीन वर्षों में विदेशी स्रोतों से रक्षा खरीद पर होने वाले खर्च में 10 फीसदी की कमी करने में कामयाब रहा है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भाजपा सदस्य रूपा गांगुली के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया, विदेशी स्रोतों से रक्षा खरीद पर खर्च 46 फीसदी से घटकर 36 फीसदी हो गया है, जिससे पिछले तीन वर्षों यानी 2018-19 से 2020-21 में आयात का बोझ कम हो गया है।
मंत्री ने कहा कि यह कमी मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत पिछले कुछ वर्षों में कई सरकारी नीतिगत पहलों के कारण हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधारों से आयात में कमी लाने में मदद मिलती है।
इन पहलों में रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया, 2020 के तहत घरेलू स्रोतों से पूंजीगत वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता देना शामिल है।
सरकार ने उद्योग के नेतृत्व वाले डिजाइन और विकास के लिए 18 प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों की भी घोषणा की थी।
भट्ट ने कहा कि सरकार ने कुल 209 सेवाओं की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची और कुल 2,851 वस्तुओं की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) की 107 लाइन प्रतिस्थापन योग्य इकाइयों (एलआरयू) की अधिसूचना जारी की थी, जिसके लिए उनके खिलाफ संकेतित समयसीमा से परे आयात पर प्रतिबंध लगाया जाए।
सरकार ने लंबी वैधता अवधि के साथ औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया को भी सरल बनाया और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नीति को उदार बनाया जिसमें स्वत: मार्ग के तहत 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई।
कुछ अन्य पहलें मेक प्रक्रिया का सरलीकरण, रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार योजना का शुभारंभ, (जिसमें स्टार्टअप और सूक्ष्म, शॉर्ट और मध्यम उद्यम शामिल हैं) सार्वजनिक खरीद का कार्यान्वयन (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश 2017, एक का शुभारंभ स्वदेशीकरण पोर्टल, अर्थात सृजन, एमएसएमई सहित भारतीय उद्योग द्वारा स्वदेशीकरण की सुविधा के लिए, निवेश को आकर्षित करने पर जोर देने के साथ ऑफसेट नीति में सुधार और उच्च गुणक प्रदान करके रक्षा विनिर्माण के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और दो रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना - उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में प्रत्येक में एक-एक शामिल हैं।
आईएएनएस
Created On :   28 March 2022 9:00 PM IST