केजरीवाल ने एलजी से पूछा, शनिवार को मिलूं या अपनी सुविधानुसार समय बताएं
- चर्चा करने की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कई मुद्दों पर पत्र लिखा, जिसमें शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने पर चर्चा करने की मांग भी शामिल है। शुक्रवार को राज्यपाल को प्रस्ताव दिया कि वह शनिवार को उनसे मिलें या सुविधानुसार आप ही समय बता दें।
मुख्यमंत्री ने एलजी को भेजे पत्र में लिखा, मुझे आपका पत्र मिला। आपने लिखा है कि कुछ दिन पहले जब हम सभी विधायक आपसे मिलने आए थे और आप नहीं मिल सके, क्योंकि हम आपको बिना बताए अचानक आ गए। यदि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, पूरा मंत्रिमंडल और दिल्ली के सभी विधायक आपके दरवाजे पर खड़े थे, तो जाहिर सी बात है कि वे राज्य के लिए बहुत बड़ी समस्या लेकर आए थे। आप चाहते तो बाहर आकर पांच मिनट के लिए ही, हमसे मिल सकते थे। दिल्ली की जनता को लगा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने दो करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर उनका अपमान कर दिया।
पत्र में लिखा है, आपने अपने पत्र में अब हम सभी मंत्रियों और विधायकों को बातचीत के लिए रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है, इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। अगर आपको सुविधा हुई तो हम शनिवार 21 जनवरी को आपके घर आएंगे दोपहर 1 बजे। यदि यह समय आपके लिए सुविधाजनक नहीं है, तो अपनी सुविधा के अनुसार हमें समय बताएं, हम आपसे मिलने आएंगे।
दिल्ली की शिक्षा प्रणाली के बारे में एलजी की टिप्पणियों को रेखांकित करते हुए केजरीवाल ने कहा, कोई भी प्रणाली सही नहीं है। पहले की तुलना में शिक्षा प्रणाली में जबरदस्त सुधार हुए हैं। लेकिन बहुत कुछ किया जाना बाकी है। अगर केंद्र सरकार और सभी एल-जी ने बीते वर्षों में दिल्ली की जनता के काम में बाधा नहीं डाली होती, अब तक बहुत कुछ हासिल हो गया होता।
पत्र में लिखा है,एल-जी साहब एक तरफ तो मोहल्ला क्लीनिकों के वेतन, लैब टेस्ट के भुगतान, क्लीनिकों के किराए और बिजली के बिलों के भुगतान को रोकते हैं, और फिर कहते हैं कि मोहल्ला क्लीनिक ठीक नहीं चल रहे हैं? एक तरफ, एलजी साहब अधिकारियों को दिल्ली जल बोर्ड के सभी फंड बंद करने का आदेश देते हैं और फिर कहते हैं कि दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है? महोदय, इस प्रकार की राजनीति अच्छी नहीं है। उपराज्यपाल को ऐसी राजनीति से बचना चाहिए।
दिल्ली के सीएम ने आगे लिखा, संविधान ने आपको तीन जिम्मेदारियां दी हैं- दिल्ली की कानून व्यवस्था, दिल्ली पुलिस और डीडीए। आज पूरे देश में दिल्ली की कानून व्यवस्था सबसे खराब स्थिति में है। जब दुनिया दिल्ली को रेप कैपिटल कहती है, हर दिल्लीवासी का सिर शर्म से झुक गया है। शहर में अपराध लगातार बढ़ रहा है। किसी भी महिला का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जी पर अभी-अभी हमला हुआ है। अगर महिला आयोग की अध्यक्ष सुरक्षित नहीं है तो आम महिला की क्या बात करें?
दिल्ली के लोगों ने आज तक आपको शहर की कानून व्यवस्था के लिए कुछ करते हुए नहीं देखा। दिल्ली के लोगों ने आपको केवल अपनी चुनी हुई सरकार के दिन-प्रतिदिन के मामलों में हस्तक्षेप करते देखा है। बहुत गुस्सा है। आप लोगों के बीच में रोज लोगों के काम में अड़ंगा क्यों लगाते हो। दिल्ली के लोग अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहते है,ं तो रोकते क्यों हैं? जब आप रोज लोगों का काम रोकते हैं तो लोग पूछते हैं हमारे काम को रोकने के लिए एल-जी साहब कौन होते हैं?
संविधान ने आपको दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति को ठीक करने का काम दिया है। संविधान ने हमें बाकी काम दिया है, हमें अपना काम करने दें। यहां तक कि अगर आपको हमारा काम पसंद नहीं है, तो आपको कोई अधिकार नहीं है हमारे काम में बाधा डालें, क्योंकि हम आपके काम में बाधा नहीं डालते हैं।
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Created On :   20 Jan 2023 4:00 PM IST