पूर्वांचल माया हारीं, अखिलेश ने खोई कुर्सी, अब योगी का फैसला

Purvanchal Maya lost, Akhilesh lost the chair, now Yogis decision
पूर्वांचल माया हारीं, अखिलेश ने खोई कुर्सी, अब योगी का फैसला
एक्सप्रेस वे का सियासी समीकरण पूर्वांचल माया हारीं, अखिलेश ने खोई कुर्सी, अब योगी का फैसला
हाईलाइट
  • एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से बीजेपी और योगी सरकार को काफी उम्मीदें

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजनीति में पूर्वांचल का अलग ही मिजाज है। इस इलाके की सीटों पर जिस पार्टी ने जीत दर्ज की है, वह सत्ता की गद्दी पर बैठा हैं। यूपी के पूर्वांचल में विधानसभा की 117 सीटें शामिल हैं। ये सीटें किसी दल का पलड़ा भारी करने और किसी की हालत पस्त करने का दमखम रखती हैं। जिसके चलते पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से बीजेपी और योगी सरकार को काफी उम्मीदें और आशा हैं।

उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे काफी सुर्खिया बटोर रहा है। विशेष तैर पर 3.4 किमी की हवाई पट्टी आकर्षण और चर्चा और प्रचार का केंद्र बना हुआ है। हालांकि पूरे एक्सप्रेसवे की लंबाई 431 किमी है जो नौ जिलों से होकर गुजरती है। योगी सरकार यह उम्मीद लगाए बैठेगी कि इससे अगले विधानसभा चुनाव में पूर्वांचली वोटरों को साधने में काफी मदद मिलेगी। हालांकि उत्तर प्रदेश की अब तक की चुनावी राजनीति कुछ अलग कहानी बयां करती है।

क्या इस बार टूटेगा एक्सप्रेस का चुनावी ट्रेंड?

बीजेपी की योगी सरकार का कहना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की नींव उनकी सरकार ने रखी है। अखिलेश सरकार ने मई 2015 में लखनऊ-आजमगढ़-बलिया एक्सप्रेसवे की घोषणा की। 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस एक्सप्रेसवे का रूट बदलकर लखनऊ-आजमगढ़-गाजीपुर कर दिया गया। फिर 14 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। अखिलेश की तरह योगी सरकार ने भी जिस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की नींव रखी तो इसका उद्घाटन भी किया। अब सवाल उठता है कि क्या योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी एक्सप्रेसवे बनाने वाली सरकार के अगले चुनाव में हारने वाले ट्रेंड को तोड़ पाएंगे? निश्चित तौर पर योगी सरकार इस पूर्वांचल एक्सप्रेस से बड़ी उम्मीदें लगाए हुए है।

एक्सप्रेसवे का सत्ता संयोग औऱ वियोग
दिल्ली से बिहार के बीच उत्तर प्रदेश का सफर आसान और तेज बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्सप्रेसवे बनाने की शुरुआत की थी। वर्ष 2007 के चुनाव में मायावती ने पूर्वांचली वोटरों को लुभाने में कामयाबी हासिल की थी और लंबे समय बाद प्रदेश को एक दल की मजबूती सरकार मिली। मायावती ने अपने कार्यकाल में नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया। हालांकि वो इसका उद्घाटन नहीं कर सकीं और अगली बार 2012 के चुनाव में उनकी पार्टी हार गई।

यमुना एक्सप्रेसवे मायावती ने बनाया, अखिलेश ने किया उद्घाटन

यूपी में एक्सप्रेसवे की कहानी चुनावी समीकरणों में कुछ और बयां करता है। सत्ता पर काबिज 2007 में बसपा तो 2012 में सपा ने एक्सप्रेस की राजनीति करने चाही लेकिन दोनों अपनी गद्दी गवां बैठे। अब सवाल ये है कि आने वाले चुनावों में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश के चुनावी समीकरण में क्या बदलाव आएगा? अब तक का संयोग बताता है कि सरकारों को एक्सप्रेसवे बनाने का चुनावी फायदा नहीं मिला है। औऱ मायावती और अखिलेश यादव की सरकारें अगले चुनावों में ही सत्ता से बेदखल हो गई थीं। मायावती के बनाए यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 2012 के विधानसभा में जीती समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया। यूपी में अखिलेश यादव ने एक छोर से दूसरे छोर तक एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने का काम आगे बढ़ाया। उन्होंने यमुना एक्सप्रेसवे के आगे आगरा से लखनऊ तक का एक खंड बनाया और इस पर नया एक्सप्रेसवे बनाने का काम शुरू किया। मायावती से उलट अखिलेश ने न केवल आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की नींव रखी बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव से एक साल पहले 2016 में ही इसका उद्घाटन भी कर दिया।

अखिलेश यादव का कारवां

सपा प्रमुख अखिलेश ने भले ही नींव डालने और उद्घाटन करने में मायावती से अलग काम किया लेकिन उनके लिए भी चुनावी नतीजा मायावती की तरह ही रहा है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सत्ता खो बैठी।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे नहीं बचा पाया सपा सत्ता

2017 के विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करके उत्तर प्रदेश की सरकार में आई बीजेपी ने एक्सप्रेसवे निर्माण का काम जारी रखा। उसने राजधानी लखनऊ से बिहार की सीमा गाजीपुर तक के बचे खंड पर एक्सप्रेसवे बनाया। देश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की नींव रखे जाने को लेकर समाजवादी पार्टी और बीजेपी एक-दूसरे के विरुद्ध दावे करती है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अपनी सरकार के समय 22 दिसंबर 2016 को इस एक्सप्रेसवे की नींव रखी थी। 

 

Created On :   16 Nov 2021 12:02 PM GMT

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