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Pune City News: आखिर अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी, कहा- एक करोड़ का हिसाब दे मोहोल का संगठन

भास्कर न्यूज, पुणे। मुंबई में 2 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ (एमओए) के चुनाव को लेकर शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री और एमओए के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अजित पवार ने आखिर चुप्पी तोड़ ही दी। उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरलीधर मोहोल और उनके खेमे को लेकर सीधे वार किए हैं। उनका कहना है खेल में राजनीति को नहीं घुसाना चाहिए। अपने करीबी और एमओए के सचिव नामदेव शिरगांवकर पर भ्रष्टाचार मामले को लेकर हुई एफआईआर को लेकर उन्होंने मोहोल खेमे पर निशाना साधा। पवार बोले पुलिस पर दबाव बनाकर आधी रात में एफआईआर कराई गई जो गलत है। इसके अलावा मोहोल के अध्यक्षता वाले महाराष्ट्र राज्य कुश्तीगीर संगठन को 2023-24 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए एक करोड़ रुपए की राशि दी गई थी जिसका हिसाब आज तक नहीं मिला। आपको बता दें पवार के सामने एमओए के अध्यक्ष पद के लिए मुरलीधर मोहोल दावेदारी की है।
अजित पवार ने एक बयान जारी कर मोहोल खेमे पर कई आरोप लगाए। उनका कहना है कि सन् 2013 से मैं महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ का अध्यक्ष हूं। इस अवधि में राज्य में खेलों की गुणवत्ता बढ़ाने और खिलाड़ियों को उच्चस्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हमने एकजुट होकर काम किया। जब हमने कार्यभार संभाला, तब महाराष्ट्र सातवें या आठवें स्थान पर था, लेकिन लगातार तीन राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में महाराष्ट्र ने पहला स्थान प्राप्त किया। यह सफलता खिलाड़ियों की मेहनत और पदाधिकारियों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। निधि के हिसाब में विलंब को लेकर उठे प्रश्नों पर पवार ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का लेखा-जोखा अभी प्रक्रिया में है। कई संबद्ध संघों से अभी तक हिसाब प्राप्त नहीं हुआ है। इसी कारण सरकार ने दो महीने की अतिरिक्त अवधि दी है। मोहोल के संगठन सहित कुछ संघों ने अभी तक अपना हिसाब नहीं दिया है, जिसके कारण देरी हुई है। यह भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि प्रक्रिया की देर है। पुलिस कार्रवाई के संदर्भ में उन्होंने कहा कि धर्मार्थ संस्थाओं से संबंधित शिकायतें धर्मार्थ आयुक्त के समक्ष होनी चाहिए, परंतु राजनीतिक दबाव में आधी रात को आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस पर दबाव किसने डाला, यह संदीप जोशी बताएं।
पवार ने स्पष्ट किया कि संघ का धन किसी एक व्यक्ति के नियंत्रण में नहीं होता। सभी निर्णय कार्यकारिणी की मंजूरी से लिए जाते हैं और कोषाध्यक्ष वित्तीय अभिलेख रखते हैं। प्रत्येक राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए सरकार चार से पांच करोड़ रुपये का अनुदान देती है, जिसका उपयोग एमओए से जुड़े 30 खेल संघ मिलकर करते हैं। चूंकि यह एक धर्मार्थ संस्था है, सरकारी तंत्र जैसी कर्मचारी संख्या नहीं होती, इसलिए हिसाब देने में विलंब होना स्वाभाविक है।
जिसे न्यायालय ने खारिज किया, वहीं शिकायते कर रहे
पवार ने कहा कि इस चुनाव में राजनीति घुसाने के प्रयास हो रहे हैं। चुनाव स्थगित करने के लिए छह याचिकाएं उच्च न्यायालय में दायर की गई थीं, जिन्हें न्यायालय ने खारिज कर दिया। बावजूद इसके, वही मुद्दे उठाकर बार-बार शिकायतें कर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यह आचरण महाराष्ट्र की खेल संस्कृति के अनुरूप नहीं है।
.तो हमारी संस्था भी समय पर हिसाब दे देती
अजित पवार ने यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के संगठन ने वर्ष 2023-24 में राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता के लिए मिली एक करोड़ रुपये की अनुदान राशि का हिसाब अभी तक प्रस्तुत नहीं किया है। हिसाब न देना भ्रष्टाचार का प्रमाण नहीं होता। सभी संगठनों को समय पर अपने लेखे प्रस्तुत करने चाहिए, ताकि हमारी संस्था भी समय पर सरकार को एकीकृत लेखा प्रस्तुत कर सके।
संतुष्ट होंगे तो हमें पुन: चनेंगे
अजित पवार ने कहा कि हम लंबे समय से खेल क्षेत्र में कार्यरत हैं। यदि हमारे कार्यों से संघ संतुष्ट हैं, तो वे हमें पुनः चुनेंगे। खेल में प्रतिस्पर्धा हो सकती है, परंतु उसमें बदले की भावना नहीं, खेल भावना होनी चाहिए।
झूठ बोल रहे हैं अजित पवार
दैनिक भास्कर ने अजित पवार के आरोपों पर मुरलीधर मोहोल खेमे से उनका पक्ष जानना चाहा। मोहोल खेमे से महाराष्ट्र राज्य कुश्तीगीर संगठन के महासचिव योगेश दोडके ने जवाब दिया। दोडके का कहना है अजित पवार झूठ बोल रहे हैं। हमारे संगठन को एक महीने पहले (25 सितंबर) मान्यता मिली है। पिछले एक महीने में ओलिंपिक संघ ने हमें कोई पैसा नहीं दिया है, इसलिए हिसाब देने का सवाल ही नहीं उठता। दूसरी बात यह है कि अजित पवार को उन संगठनों की सूची जारी करनी चाहिए जिन्होंने हिसाब नहीं दिया है। यह सब लीपापोती है। अगर कुछ संगठनों का हिसाब लंबित भी हैं, तो उन्हें एक से दो लाख रुपये से ज़्यादा का भुगतान नहीं किया गया होगा। अगर हम सभी 30 संगठनों को मिलाकर 1 करोड़ रुपये मान लें, तो राज्य सरकार से मिले बाकी 11 से 12 करोड़ रुपये का हिसाब कहां है? खिलाड़ियों की यात्रा और ट्रैक सूट की ख़रीद में एमओए द्वारा की गई धोखाधड़ी का हिसाब तो देना होगा।
Created On :   1 Nov 2025 5:51 PM IST












