Pune City News: मनपा चुनाव के बाद ही नए डीपी पर हो पाएगा फैसला

मनपा चुनाव के बाद ही नए डीपी पर हो पाएगा फैसला
49 हजार से अधिक आपत्तियों की सुनवाई तीन महीने से ठप पड़ी 28 गांवों को समेटता 173.24 वर्ग किमी का डीपी मनमाने आरक्षण से लोगों में आक्रोश

भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड़। मनपा की संशोधित प्रारूप विकास योजना (डेवलपमेंट प्लान- डीपी) पर नागरिकों की ओर से 49 हजार 570 आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए हैं। साढ़े तीन महीने बीत जाने के बावजूद सुनवाई प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। मनपा चुनाव नजदीक आ गए हैं, जिसकी घोषणा किसी भी समय हो सकती है। चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही डीपी पर लंबित सुनवाई टल जाएगी। ऐसे में अब यह लगभग तय हो गया है कि डीपी योजना पर अंतिम निर्णय प्रशासक नहीं, बल्कि मनपा चुनाव के बाद चुनकर आने वाले नए नगरसेवक ही लेंगे।

- 28 गांवों को समेटता 173.24 वर्ग किमी का डीपी

मनपा और पिंपरी-चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण के एकीकृत क्षेत्र के लिए संयुक्त डीपी बनाया गया है। इसमें कुल 28 गांवों का 173.24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल है। प्रारूप डीपी 14 मई को जारी किया गया था। नागरिकों से 14 जुलाई तक आपत्तियां और सुझाव मंगाए गए थे। नियमानुसार एक माह के भीतर सुनवाई शुरू होनी थी, परंतु अब तक प्रक्रिया ठप पड़ी है। डीपी योजना को लेकर शहरभर में विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिक समितियों ने विरोध प्रदर्शन, मोर्चे और धरने किए। विधानसभा के मानसून सत्र में भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ा। विपक्षी दलों ने डीपी को बिल्डरों के हित में बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। कई नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने डीपी के विरुद्ध राज्य सरकार को शिकायतें भेजी हैं।

- मनमाने आरक्षण से लोगों में आक्रोश

मनपा द्वारा बनाए गए नए डीपी में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बिना आवश्यकता के बड़े पैमाने पर आरक्षण प्रस्तावित किए गए हैं। घनी आबादी और व्यापारिक इलाकों में 12, 18, 24 और 36 मीटर चौड़े मार्ग प्रस्तावित किए गए हैं। कई वर्षों से अधूरी पड़ी एचसीएमटीआर (रिंगरोड) परियोजना को फिर से शामिल किया गया है। पिंपरी के भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भीमसृष्टी परिसर के सामने पुलिस स्टेशन और बस टर्मिनल का आरक्षण किया गया है। आलंदी और देहू तीर्थक्षेत्र के बीच स्थित मोशी क्षेत्र में बूचड़खाना का आरक्षण दिए जाने पर भी स्थानीय लोगों ने तीव्र आक्रोश व्यक्त किया है। पुनावले कचरा डिपो के स्थान पर ऑक्सीजन पार्क के बजाय एक व्यावसायिक परिसर के लिए आरक्षण प्रस्तावित किया गया है। शेष कृषि भूमि पर आरक्षण किया गया है। इन कारणों से, डीपी के विरुद्ध आपत्तियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

- सरकार से मांगा जा सकता है अतिरिक्त समय

नगररचना विभाग के उपसंचालक किशोर गोखले ने बताया डीपी की सुनवाई के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव आयुक्त को भेजा गया है। आयुक्त की मंजूरी मिलते ही सुनवाई का कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार से अतिरिक्त समय भी मांगा जा सकता है। यह कहना संभव नहीं है कि इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा। विकास परियोजना तैयार करने के लिए एक वर्ष का विस्तार लिया गया था। तदनुसार, राज्य सरकार से सुनवाई के लिए छह महीने या एक वर्ष का विस्तार लिया जा सकता है। दिसंबर माह में आचार संहिता लागू होने की संभावना है। ऐसे में सुनवाई या निर्णय प्रक्रिया अब चुनाव के बाद ही संभव होगी।

Created On :   1 Nov 2025 6:22 PM IST

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