हंगामे पर बवाल: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की 'चाय-चिट्ठी' पर मोदी का ट्वीट- लोकतंत्र के लिए खूबसूरत संदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में कृषि विधेयकों को लेकर किए गए हंगामे को लेकर अब विपक्ष और उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह आमने-सामने आ गए हैं। विपक्ष राज्यसभा के आठ सांसदों का निलंबन बहाल करने की मांग कर रहा है, वहीं उपसभापति ने सदन के अंदर अपने साथ किए गए सांसदों के व्यवहार के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। इतना ही नहीं उपसभापति हरिवंश संसद भवन में रातभर से धरने पर बैठे निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर भी पहुंचे थे। इन सबके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुलकर उपसभापति का समर्थन किया है और उनके चाय और पत्र को लेकर कई ट्वीट भी किए हैं।
ये है पूरा मामला-
रविवार को कृषि विधेयकों के विरोध में हंगामा
संसद के मॉनसून सत्र के 7वें दिन यानी रविवार को कृषि से जुड़े विधेयकों पर बहस के दौरान राज्यसभा में विपक्षी दलों के कुछ सांसदों ने जबरदस्त हंगामा किया था। सदन में विधेयक पर चर्चा के लिए विपक्ष अगले दिन तक कार्यवाही बढ़ाने की मांग कर रहा था, लेकिन सत्तापक्ष हर हाल में बिल को उसी दिन पास कराना चाहता था। इसके बाद कुछ सांसदों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। रूल बुक फेंक दी गई थी। उपसभापति को धमकी दी गई। उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी और धक्कामुक्की भी हुई। हालांकि विपक्षी दलों के हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 ध्वनिमत से पारित कर दिए गए। लोकसभा में इन दोनों विधेयकों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
कृषि बिल पर बवाल: हंगामे से नाराज राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने 8 सांसदों को किया निलंबित
सोमवार को हंगामा करने वाले 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया
मॉनसून सत्र के 8वें दिन यानी सोमवार को फिर से राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे का मुद्दा गूंजा। राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने सदन में हंगामा और उपसभापति हरिवंश के साथ दुर्व्यवहार करने वाले 8 सांसदों को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया, यानी निलंबित सांसद इस सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। सभापति नायडू ने उपसभापति के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया था। राज्यसभा से निलंबित सांसदों में- कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, रिपुन बोरा, सैयद नसिर हुसैन, राजीव साटव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सीपीआई (एम) के केके. रागेश, एलमाराम करीम और तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन हैं।
निलंबन के बाद धरने पर बैठे सांसद
राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू द्वारा लिए गए इस एक्शन के विरोध में निलंबित सांसद धरने पर बैठे गए। इन्होंने संसद भवन में ही सोमवार की पूरी रात धरने पर बैठे-बैठे गुजार दी। सांसदों ने पूरी रात संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास बिताई। अपने निलंबन के विरोध में धरने पर बैठे ये सांसद रात में कभी गाते रहे तो कभी नारेबाजी करते नजर आए।
धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे उपसभापति
मंगलवार सुबह धरने पर बैठे निलंबित 8 सांसदों के लिए उपसभापति हरिवंश चाय-नाश्ता लेकर पहुंचे। लेकिन सांसदों ने चाय पीने से मना कर दिया। निलंबित कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा, हरिवंश ने उन्हें बताया, वह एक सहयोगी के रूप में उनसे मिलने आए थे। यानि कि सरकार की ओर से अब तक कोई भी प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं आया है। हालांकि अब इन सांसदों ने अपना धरना अब समाप्त कर दिया है।
उपसभापति ने राष्ट्रपति कोविंद को लिखा पत्र, करेंगे अनशन
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ने सांसदों के व्यवहार के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा, जिसमें उपसभापति ने कुछ राज्यसभा सदस्यों के हिंसक व्यवहार का उल्लेख किया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा, वह जेपी (जयप्रकाश नारायण) के गांव में पैदा हुए थे, जिनके सामाजिक सुधार आह्वान ने अतीत में भारत की राजनीति को बदल दिया था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हंगामे ने उन्हें कैसे प्रभावित किया है।
Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh writes to President Ram Nath Kovind against the unruly behaviour with him in the House by Opposition MPs during the passing of agriculture Bills on 20th September https://t.co/T2fStyBmkC
— ANI (@ANI) September 22, 2020
एक दिन का उपवास रखेंगे उपसभापति
उपसभापति हरिवंश ने पत्र में लिखा, मेरे सामने 20 सितंबर को उच्च सदन में जो दृश्य हुआ, उससे सदन, आसन की मर्यादा को अकल्पनीय क्षति पहुंची है। लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई। सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ायी गईं। उपसाभपति ने घोषणा की है कि सांसदों द्वारा किए गए बेलगाम व्यवहार के विरोध में एक दिन का उपवास रखेंगे।
हरिवंश ने जो किया वह लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित करने वाला- मोदी
उपसभापति द्वारा धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर जाने पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी। आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने हरिवंश ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है।
बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने श्री हरिवंश जी ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है।
लोकतंत्र के लिए खूबसूरत संदेश-मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य ट्वीट में कहा, हर किसी ने देखा, दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए, लेकिन आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई।
यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
सभी देशवासी उपसभापति के पत्र को जरूर पढ़ें- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में हंगामे के मुद्दे पर उपसभापति द्वारा राष्ट्रपति को लिखे पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए कहा, मैंने पत्र को पढ़ा। इसके एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी।
माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें। pic.twitter.com/K9uLy53xIB
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
Created On :   22 Sept 2020 2:19 PM IST