मध्यप्रदेश में छोटे चुनाव देंगे बड़ा संदेश

Small elections will give big message in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश में छोटे चुनाव देंगे बड़ा संदेश
मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश में छोटे चुनाव देंगे बड़ा संदेश
हाईलाइट
  • मध्यप्रदेश में छोटे चुनाव देंगे बड़ा संदेश

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आमतौर पर नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव को राजनीतिक दल खास अहमियत नहीं देते मगर इन दिनों मध्य प्रदेश में होने वाले नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव खासे महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले के यह सियासी तौर पर बड़े चुनाव माने जा रहे हैं। इन चुनावों की हार-जीत के पीछे बड़े सन्देश छुपे हुए हैं।

राज्य में 18 जिलों के 46 नगरीय निकायों में 27 सितंबर को मतदान होना है। सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष कांग्रेस दोनों के लिए यह चुनाव खासे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, इसकी वजह इनमें से अधिकांश क्षेत्रों के आदिवासी बाहुल्य वाला होना है।

दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल इन 46 नगरीय निकायों के चुनाव को लेकर पूरी तरह सतर्क है और वे एक कारगर रणनीति बनाकर काम भी कर रहे हैं। भाजपा ने तो जमीनी स्तर पर मोर्चा भी संभाल लिया है और बैठकों का दौर चल रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा उन इलाकों के दौरे पर हैं जहां नगरीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं। भाजपा ने इन इलाकों में सक्षम उम्मीदवारों पर दांव लगाने का मन बनाया है इसके लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी अंतिम दौर में है।

वहीं दूसरी ओर हम देखें तो कांग्रेस की रणनीति का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन भोपाल में नेताओं और जिला प्रभारियों की बैठक हो चुकी है। इन चुनाव में पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं की सक्रियता बढ़ रही है और वे इन चुनावों में जीत के लिए पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं।

राज्य में आदिवासी वोट बैंक को कांग्रेस अपना वोट बैंक मानकर चलती है और यही कारण है कि पार्टी इन इलाकों में अपनी जीत की उम्मीद लेकर चल रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा को भरोसा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए जो योजनाएं चलाई हैं उसके चलते भाजपा को इन इलाकों में सफलता मिलेगी।

दोनों ही राजनीतिक दल अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, मगर इन चुनावों के नतीजों का बड़ा संदेश रहने वाला है। इसकी वजह भी है क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं और इन चुनावों की हार जीत का आदिवासी वर्ग में बड़ा संदेश जाएगा। नगरीय निकायों के यह 46 क्षेत्र राज्य के 18 जिलों में आते हैं जो आदिवासी बाहुल्य हैं।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   22 Sep 2022 10:00 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story