गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे में कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए हैं कई बड़े सबक, जानिए बड़ी बातें जो कांग्रेस को दिखा रही हैं आइना

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे में कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए हैं कई बड़े सबक, जानिए बड़ी बातें जो कांग्रेस को दिखा रही हैं आइना
गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे में कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए हैं कई बड़े सबक, जानिए बड़ी बातें जो कांग्रेस को दिखा रही हैं आइना

डिजिटल डेस्क, दिल्ली।  कांग्रेस ने अपनी पार्टी के सबसे वरिष्ठ व अनुभवी नेता को हमेशा के लिए खो दिया है, कांग्रेस के जी- 23 समूह के सदस्य रहे  कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के साथ साथ सभी पदों से इस्तीफा देकर कांगेस को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है।

आजाद ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पांच पेज की चिट्ठी भेजी। चिट्ठी के माध्यम से आजाद ने तंज कसते हुए पार्टी के अकुशल व अयोग्य नेताओं की वजह से हो रही पार्टी की दुर्दशा के बारे में चिंता जताई। चिट्ठी में नबी ने कांग्रेसी कार्यकाल के अब तक के अपने सफर के बारे में भी लिखा है।

आजाद ने अपने लेटर में कांग्रेस की बिगड़ती स्थिति को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा कि 2019 में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी की हालत लगातार बदतर होती जा रही है।  आजाद ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी कठपुतली की तरह चल रही है। जिसकी डोर किसी और के हाथ में है। राहुल के नेतृत्व में 49 में से 39 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है। आज कांग्रेस को चलाने के लिए किसी प्रॉक्सी का सहारा लिया जा रहा है। आजाद ने पार्टी के भविष्य को लेकर चिंता भी जाहिर की।

आइए जानते हैं,गुलाम नबी ने अपने पांच पेज के इस्तीफे क्या लिखा-

1 आजाद ने अपनी चिट्ठी में पार्टी के अंधकार में  समा रहें भविष्य को लेकर राहुल गांधी से नाराजगी जताई है उन्होंने  लिखा कि राहुल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को किनारे कर दिया है,वह अनुभवहीन और अयोग्य लोगों को ही अपने पास रखना चाहते है, नबी आगे लिखते है कि मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस चलाने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति ने अपनी कार्य करने की इच्छा शक्ति और क्षमता को खो दिया है
2 जब राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष पद सौंपा गया तो उन्होंने पार्टी में कार्य करने के सारे तौर तरीके बदल दिए, उन्होंने पुराने वरिष्ठ सलाहकार को प्राथमिकता न देकर नए सलाहकारों को प्राथमिकता दी, जिस वजह से उन्हें 2014 में हार का  मुंह देखना पड़ा ।

 3 आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव न कराने पर भी पर गांधी परिवार को घेरा।  

4 आजाद ने अपने पत्र में लिखा मैं और मेरे साथी भविष्य में उन कार्यों को करने में दृढ़ निश्चय रहेंगे, जो अपने व्यस्क रहते हुए कांग्रेस में सीखे।

5 आजाद ने अपने पत्र में जी-23 नेताओं पर भी लिखा कि जिन नेताओं ने कांग्रेस की कमजोरियां बताई उन सभी नेताओं को अपमानित किया गया। 

6 गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी रिमोट कंट्रोल मॉडल पर चल रही है। उन्होंने लिखा कि राहुल के नेतृत्व में 49 में 39 विधानसभा चुनावों में पार्टी को हार मिली है। 
 

Created On :   26 Aug 2022 2:04 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story