विझिंजम अडानी बंदरगाह मामला : स्थिति काबू में

Vizhinjam Adani port case: Situation under control
विझिंजम अडानी बंदरगाह मामला : स्थिति काबू में
केरल विझिंजम अडानी बंदरगाह मामला : स्थिति काबू में

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। अडानी समूह द्वारा 90 करोड़ डॉलर के बंदरगाह निर्माण का कार्य फिर से शुरू करने के खिलाफ मछुआरे समुदाय के लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके चलते केरल के विझिंजम बंदरगाह क्षेत्र में तनाव फैल गया जिसे अब काबू कर लिया गया है।

रविवार को पुलिस कार्रवाई के विरोध में, लैटिन कैथोलिक चर्च के नेतृत्व में स्थानीय मछुआरा समुदाय ने उग्र प्रदर्शन किया और विझिंजम पुलिस स्टेशन पर हमला किया। इस हमले में 35 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। हिंसा में 85 लाख रुपये का नुकसान बताया जा रहा है।

तिरुवनंतपुरम के लैटिन आर्चडायोसेस के आर्चबिशप थॉमस जे. नेट्टो के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें उन्हें आरोपी बनाया गया, जिसके चलते तनाव बढ़ गया। नई एफआईआर में सहायक बिशप, क्रिस्टुदास और विकार जनरल, यूजीन पेरिया सहित 50 पुजारियों को भी नामजद किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने तीन हजार लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए हैं।

वरिष्ठ पुजारी यूजीन पेरेरिया ने सोमवार को मीडिया से कहा कि न्यायिक जांच होनी चाहिए, क्योंकि कुछ गलत चीजें हुई हैं। पेरिया ने कहा, विरोध शांतिपूर्ण चल रहा था। अचानक कुछ बाहरी तत्व के के शामिल होने के चलते तनाव पैदा हो गया। प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने आए पुजारी और महिलाएं दबाव में आ गईं। इस मामले में न्यायिक जांच की जरूरत है।

आरोपों को खारिज करते हुए, राज्य के बंदरगाह मंत्री अहमद देवरकोविल ने कहा कि प्रदर्शनकारी न्यायपालिका को बहुत कम सम्मान देते हैं। प्रदर्शनकारियों को शांत रहने और चल रहे कार्यों को बाधित नहीं करने के लिए कहा गया था। राज्य सरकार बहुत विचारशील रही है, और हमने उनके साथ कई बार बातचीत की है, उन्होंने सात मांगें रखी हैं। हम उन्हें केरोसिन की मुफ्त आपूर्ति की एक मांग पर आश्वासन देने में असमर्थ हैं, क्योंकि यह केंद्र से आती है।

मंत्री ने कहा, एक और मांग है कि वे चाहते हैं कि बंदरगाह में चल रहे काम को रोका जाए। यह बिल्कुल संभव नहीं है। उन्होंने कहा, प्रदर्शनकारी हर बार नई मांगों के साथ आ रहे हैं। बंदरगाह परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद 2011-16 में ओमन चांडी सरकार के दौरान काम शुरू हुआ था। 2017 में जब ओखी लहरें बंदरगाह स्थल से टकराईं, तो बहुत नुकसान हुआ, जिससे काम अधर में लटक गया।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   28 Nov 2022 2:00 PM IST

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