यूपी: किसानों के गन्ने का भुगतान डिजिटल माध्यम से हो : राकेश टिकैत

किसानों के गन्ने का भुगतान डिजिटल माध्यम से हो : राकेश टिकैत
  • शामली के गन्ना किसान भुगतान में देरी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं
  • तीन चीनी मिलों पर 8 नवंबर तक बीते पेराई सत्र का 350.82 करोड़ रुपये का बकाया है

डिजिटल डेस्क, शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले के गन्ना किसान भुगतान में देरी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। जिले की तीन चीनी मिलों पर 8 नवंबर तक पिछले पेराई सत्र (2022-23) का 350.82 करोड़ रुपये का बकाया है।

इस बकाया भुगतान को लेकर शामली के सदर कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित सर शादीलाल द अपर दोआब शुगर मिल्स पर गन्ना किसान पिछले 80 दिनों से धरना दे रहे हैं, शामली शुगर मिल पर अब तक सबसे अधिक 225.62 करोड़ रुपये के गन्ने का बकाया भुगतान है।

शामली शुगर मिल से भुगतान को लेकर अभी तक कोई आश्वासन किसानों नहीं मिल सका है। बकाया गन्ना भुगतान को लेकर शामली चीनी मिल पर चल रहे धरना को राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने धरने को संबोधित भी किया।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान डिजिटल माध्यम से हो, जिसकी मॉनिटरिंग जिलाधिकारी करें। जिससे किसानों को गन्ने के भुगतान को लेकर कोई समस्या नहीं हो।

टिकैत ने आगे कहा कि शुगर मिलों द्वारा बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने पर प्रशासन उन शुगर मिलों की आसपास जमीन को बेचकर किसानों का बकाया भुगतान किया जा सकता है। जिले में सबसे अधिक खराब हालत शामली चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों की है। किसान लगातार आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे हैं और अभी चीनी मिल में पेराई शुरू कब होगी, इसको लेकर भी स्थिति साफ नहीं है।

रालोद के सुप्रीमो जयंत चौधरी ने कहा कि हम किसान बकाया गन्ने के भुगतान को लेकर पिछले 80 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। शामली जिले शुगर मिलों पर 350.82 करोड़ अभी बकाया है। किसान चाहता है कि उनका 14 दिनों के अन्दर बकाया गन्ने के भुगतान किया जाए। पैसा ना मिलने पर जहां किसानों की दीपावली नहीं मनेगी, ना ही मैं दीपावली मनाऊंगा।

बता दें कि शामली जिले की तीन चीनी मिलों पर 8 नवंबर तक 350.82 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है। इनमें सबसे ज्यादा शामली शहर स्थित सर शादीलाल द अपर दोआब शुगर मिल्स पर करीब 225.62 करोड़ रुपये का बकाया है। इस मिल ने अभी 12 जनवरी, 2023 तक के आपूर्ति के गन्ना का ही भुगतान किया है। इस चीनी मिल ने 20 मई तक पेराई की थी। चालू पेराई सत्र (2023-24) में अभी इस मिल में गन्ना पेराई की शुरुआत नहीं हुई है।

जिले के ऊन स्थित चीनी मिल पर करीब 75 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। शामली जिले के थाना भवन स्थित बजाज हिंदुस्थान शुगर मिल पर किसानों का 50.20 करोड़ रुपये का बकाया है। इस मिल ने 24 मार्च, 2023 तक का भुगतान किया है, जबकि मिल 13 अप्रैल तक चली थी।

पूरे उत्तर प्रदेश में गन्ना बकाया की बात करें, तो उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की वेबसाइट पर 5 अक्टूबर तक के ही आंकड़े उपलब्ध हैं। जिनके मुताबिक मुताबिक पांच अक्टूबर, 2023 तक पेराई सत्र 2022-23 में राज्य की चीनी मिलों ने गन्ना किसानों को 33,943.81 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह कुल भुगतान का 89.21 फीसदी था। पिछले सत्र में प्रदेश में 1098.82 लाख टन गन्ने की पेराई हुई और 104.82 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ।

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Created On :   10 Nov 2023 9:41 AM GMT

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