बिहार विधानसभा चुनाव 2025: राजनीतिक रूप से बहुरंगी सीट झाझा को जीतने के लिए आरजेडी को एक ठोस रणनीति की जरूरत

1951 में विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद से झाझा ने लगभग हर बड़ी पार्टी को मौका दिया है। अब तक 18 चुनावों में 8 अलग-अलग दलों के प्रतिनिधि यहां से निर्वाचित हुए हैं। यहां से 7 बार कांग्रेस , 5 बार जेडीयू , समाजवादी पार्टी और संयुक्त समाजवादी पार्टी ने 3 बार, जबकि जनता पार्टी, जनता दल और बीजेपी ने एक-एक बार जीत हासिल की है। 2020 में जेडीयू ने जीत हासिल की।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में झाझा जमुई जिले में आती है। जैव विविधता वाला झाझा की राजनीति भी बहुरंगी है। 1951 में विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद से झाझा ने लगभग हर बड़ी पार्टी को मौका दिया है। अब तक 18 चुनावों में 8 अलग-अलग दलों के प्रतिनिधि यहां से निर्वाचित हुए हैं। यहां से 7 बार कांग्रेस , 5 बार जेडीयू , समाजवादी पार्टी और संयुक्त समाजवादी पार्टी ने 3 बार, जबकि जनता पार्टी, जनता दल और बीजेपी ने एक-एक बार जीत हासिल की है। 2020 में जेडीयू ने जीत हासिल की।

रेलवे के भाप इंजनों के समय यह स्थान काफी प्रसिद्द था, लेकिन जैसे जैसे रेलवे का विद्युतीकरण हुआ, तो झाझा की महत्ता धीरे-धीरे घटती चली गई। गहरे जलाशय और स्वच्छ जल प्रवाह के जल स्रोत किसानों की खेती के लिए संजीवनी हैं। उपजाऊ जमीन की वजह से कृषि यहां अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।

झाझा सामान्य सीट है,16 फीसदी एससी, 5 फीसदी एसटी, 11.2 फीसदी मुस्लिम मतदाता है। 89 फीसदी ग्रामीण क्षेत्र है, 11.11 फीसदी शहरी वोटर्स है, यहां ग्रामीण मतदाताओं का दबदबा है। झाझा को जीतने के लिए आरजेडी को एक ठोस रणनीति की जरूरत है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   1 Nov 2025 4:20 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story