बिहार विधानसभा चुनाव 2025: शुरूआत में कांग्रेस, फिर सीपीआई अब बीजेपी का मजबूत गढ़ बन गया है मोतिहारी विधानसभा क्षेत्र

शुरूआत में कांग्रेस, फिर सीपीआई अब बीजेपी का मजबूत गढ़ बन गया है मोतिहारी विधानसभा  क्षेत्र
1951 में अस्तित्व में आई मोतिहारी ने 17 बार बिहार विधानसभा के लिए अपना प्रतिनिधि चुना है। शुरूआती चुनावों में, मोतिहारी कांग्रेस का गढ़ था, जिसने 1952 से 1980 के बीच 8 में से 7 चुनाव जीते. केवल 1969 में भारतीय जनसंघ ने जीत हासिल की थी।

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में मोतिहारी विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले में आती है। 2020, 2015 व 2010 में बीजेपी के प्रमोद कुमार ने यहां से तीन बार लगातार जीत हासिल की है। 2005 में एलजेपी से महेश्वर सिंह जबकि 2000 में महेश्वर सिंह ने एसएपी के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल की थी।

मोतिहारी सीट ग्रामीण बहुल सीट है। यहां 72 फीसदी ग्रामीण और 29 फीसदी शहरी मतदाता है। मोतिहारी में एससी और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या तकरीबन14-14 फीसदी है।

1951 में अस्तित्व में आई मोतिहारी ने 17 बार बिहार विधानसभा के लिए अपना प्रतिनिधि चुना है। शुरूआती चुनावों में, मोतिहारी कांग्रेस का गढ़ था, जिसने 1952 से 1980 के बीच 8 में से 7 चुनाव जीते. केवल 1969 में भारतीय जनसंघ ने जीत हासिल की थी।

बाद में मोतिहारी कम्युनिष्ट पार्टी का गढ़ बन गया। CPI नेता त्रिवेणी तिवारी ने 1985 से 1995 के बीच लगातार तीन बार जीत दर्ज की. 2000 में आरेजडी , 2005 के बाद से मोतिहारी बीजेपी का मजबूत अभेद किला बन गया।. तब से, भाजपा के प्रमोद कुमार लगातार पांच बार इस सीट से जीतते आ रहे हैं।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   17 Oct 2025 1:25 PM IST

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