- सरकार के प्रस्ताव पर क्या होगा जवाब? किसान यूनियन आज दोपहर 12 बजे बैठक में लेंगे फैसला
- उज्जैन के MP ने PM मोदी को लिखा पत्र, की नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न देने की मांग
- पंजाब में आज से खुलेंगे सभी सरकारी और गैर सरकारी विश्वविद्यालय
- यूपीः दो दिन के दौरे पर आज लखनऊ पहुंचेंगे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा
- कन्नड़ अभिनेत्री रागिनी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
Fifa World Cup 2026 - इतिहास में पहली बार तीन देशों में संयुक्त रूप से आयोजित होगा विश्वकप

हाईलाइट
- इतिहास में पहली बार 3 देशों में संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा 2026 फुटबॉल विश्वकप।
- 34 दिनों तक चलने वाले इस विश्वकप में 48 टीमें हिस्सा लेंगी।
- 2026 विश्वकप में कुल 80 मैच खेले जाएंगे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2026 फुटबॉल विश्वकप इतिहास में पहली बार 3 देशों में संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा। 34 दिनों तक चलने वाले इस विश्वकप में 48 टीमें हिस्सा लेंगी। जबकि इस साल रूस में आयोजित हो रहे विश्वकप में 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं। 2026 विश्वकप में कुल 80 मैच खेले जाएंगे। यह विश्वकप संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में आयोजित होगा।
200 सदस्यों ने किया मतदान
मॉस्को में बुधवार को आयोजित हुए 68वें फीफा कांग्रेस में 211 फीफा सदस्य राष्ट्रों में से 200 सदस्यों ने मतदान किया। विजेता बोली को बहुमत के लिए 104 वोटों की आवश्यकता थी, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको को संयुक्त रूप से 134 वोट मिले जबकि दूसरे प्रतिभागी देश मोरक्को को 65 वोट मिले। यूनाइटेड 2026 (USA, Mexico, Canada) का चयन फीफा सदस्य देशों ने किया था। वोटिंग से पहले 15 मिनट का प्रेजेंटेशन भी रखा गया, जिसमें दोनों प्रतिभागियों को वर्ल्ड कप से जुड़े तथ्यों के साथ-साथ होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताना था।
1994 में भी मेजबानी कर चुका है अमेरिका
अमेरिका 1994 में भी विश्वकप की मेजबानी कर चुका है, जिसमें सबसे ज्यादा औसतन उपस्थिति का रिकॉर्ड दर्ज़ है। मेक्सिको ने रिकॉर्ड 2 बार (1970 और 1986) में मेजबानी की है। कनाडा ने भी 2015 महिला विश्व कप आयोजित किया था। इस बार तीन देशों के 16 शहरों में मैच का आयोजन होगा। इसमे USA के 10 शहर मेजबानी करेंगे। जबकि बाकी बचे 6 शहर समान रूप से कनाडा और मेक्सिको के होंगे। वहीं मैचों की बात करें तो 80 मैचों में से 60 मैच USA में आयोजित किए जाऐंगे। जबकि मेक्सिको और कनाडा में 10-10 मैच आयोजित होंगे। 2026 विश्वकप का फाइनल 84,953 क्षमता वाली मेटलाइफ स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।