एशियाई एथलेटिक्स : आखिरकार गौड़ा अब फेंक सकेंगे डिस्कस थ्रो

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। एशियाई एथलेटिक्स के पिछले चैंपियन विकास गौड़ा के आखिरकार गुरुवार से शुरू हो रही एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में डिस्कस थ्रो फेंकने की अनुमति मिल गई है। राष्ट्रीय महासंघ से चर्चा के बाद अंतिम समय में उनके नाम को स्वीकृति मिलते ही प्रतियोगिता में भाग लेने की अनिश्चितता समाप्त हो गई है। प्रतियोगिता के आयोजन स्थल कलिंग स्टेडियम में ही ट्रायल से गुजरने वाले बाधा दौड़ के सिद्धांत थिंगाल्या को भी इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की स्वीकृति मिल गई है, जिसकी मेजबानी भारत तीसरी बार कर रहा है।
तीसरी हैट्रिक के लिए उतरेंगे गौड़ा
कल 34 बरस के होने वाले गौड़ा चक्के को 57.79 मीटर की दूरी तक ही फेंक पाए, जिसके संदर्भ में कुछ राष्ट्रीय कोचों का मानना था कि यह पदक के दायरे में नहीं होगा। अमेरिका में रहने वाला यह भारतीय अब स्वर्ण पदक की हैट्रिक बनाने उतरेगा। उन्होंने पुणे में 2013 में 64.90 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता और चीन के वुहान में पिछली प्रतियोगिता में इस प्रदर्शन को दोहराते हुए 62.03 मीटर से सोने का तमगा हासिल किया। गौड़ा ने 2005 में कोरिया के इंचियोन और 2011 में जापान के कोबे में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीते।
चैंपियनशिप में हिस्सा लेने की स्वीकृति
राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक विकास गौड़ा और सिद्धांत थिंगाल्या सहित पुष्टि ट्रायल में जिन भी एथलीटों को आने को कहा गया था, उन्हें यहां कलिंग स्टेडियम में होने वाली 22वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने की स्वीकृति दे दी गई है। इसके अनुसार एएसी में जीत की हैट्रिक बनाने की कोशिशों में जुटे गौड़ा और थिंगाल्या को पुष्टि ट्रायल में हिस्सा लेने को कहा गया, क्योंकि एशियाई चैंपियनशिप से पहले उन्होंने किसी घरेलू प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था। लंबी कूद के सिद्धांत मोहन नाईक और नयना जेम्स के अलावा ऊंची कूद के कार्तकि उन्नीकृष्णन और जायलिन एम लोबो को भी शनिवार को हुए ट्रायल के बाद टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की स्वीकृति मिली। मेजबान भारत इन खेलों में 95 सदस्यीय टीम उतार रहा है जिसमें 46 महिला भी शामिल हैं।
Created On :   4 July 2017 8:28 PM IST