राजनीति में उतरने का कोई सवाल नहीं, धोनी अच्छे दोस्त- गंभीर

- गंभीर ने कहा कि कोचिंग में करियर के लिए जरूर विचार करेंगे।
- गंभीर ने कहा कि धोनी अच्छे दोस्त हैं।
- गौतम गंभीर ने राजनीति में शामिल होने को लेकर चल रही चर्चाओं को खारिज कर दिया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने राजनीति में शामिल होने को लेकर चल रही चर्चाओं को खारिज कर दिया है। गंभीर ने कहा कि यह सभी बातें बेतुकी हैं और इसमें जरा सी भी सच्चाई नहीं है। रणजी में आंध्रा के खिलाफ अपना फेयरवेल मैच खेलने वाले गंभीर ने कहा कि अगर उन्हें कोई भी टीम कोचिंग के लिए बुलाती है, तो वह इस पर जरूर विचार करेंगे। गंभीर ने इसके अलावा टीम से निकाले जाने को लेकर टीम मैनेजमेंट को भी लताड़ा है। वहीं धोनी के बारे में कहा कि वह अच्छे दोस्त हैं।
राजनीति वाले सवाल पर गंभीर ने कहा, "बिल्कुल नहीं। मैंने भी ट्विटर पर इस तरह की अफवाह देखी हैं। लोग ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि मैं सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार और सीएम केजरीवाल की नीतियों के खिलाफ ट्वीट करता रहता हूं। मैं इस देश का नागरिक हूं, एक टैक्स पेयर हूं और यह मेरा अधिकार है कि सरकार कुछ भी गलत करे, तो मैं उस बारे में बताऊं। इसमें राजनीति में जाने जैसी कोई बात नहीं है। अगर AAP की जगह कांग्रेस या बीजेपी होती, तो भी मैं इसी प्रकार उनका विरोध करता।"
धोनी से अपने रिलेशन को लेकर गंभीर ने कहा, "हमारा रिलेशन हमेशा से काफी अच्छा रहा है। हमारे रिलेशन को लेकर काफी अफवाह हैं। मैं बताना चाहता हूं कि जब आप एक उद्देश्य लेकर चलते हैं, जो कि देश को जीताना है, तो रिलेशन खराब होने का सवाल ही नहीं उठता। हां ओपीनियन में अलग होना जायज है, फैमिली में भी होते हैं। अगर अलग ओपीनियन नहीं होगा, तो आपकी ग्रोथ हो ही नहीं सकती, लेकिन हमारा उद्देश्य एक ही था, देश का नाम रोशन करना। मुझे नहीं लगता हम दोनों के बीच कोई अनबन था। जब धोनी रिटायर होंगे, तो टीम के लिए जो सबसे ज्यादा खुशी के पल हैं हमदोनों ने एकसाथ एंजॉय किया है, चाहे वह 2007 टी20 वर्ल्डकप हो या 2011 वर्ल्डकप, टेस्ट में नं एक साइड हो या न्यूजीलैंड में टेस्ट।"
गंभीर ने 2012 CB सीरीज के दौरान सिलेक्शन पॉलिसी को भी अनुचित ठहराया। गंभीर ने कहा, "2012 CB सीरीज में मुझे, सचिन तेंदुलकर और विरेंद्र सहवाग से कहा गया था कि आप तीनों को रोटेशनल पॉलिसी पर खेलाया जाएगा। मैनेजमेंट ने बताया कि टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया में है और भारत को अच्छे फील्डर की जरूरत है। मैनेजमेंट ने बताया कि 2015 वर्ल्डकप की तैयारियों को लेकर यह निर्णय लिया जा रहा है। यह हम तीनों के लिए बहुत ही चौंकाने वाला था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि तीन साल पहले से ही अगले वर्ल्डकप के लिए सोचना शुरू कर दें कि किन खिलाड़ियों को खिलाना है और किसको नहीं।"
गौतम ने कहा, "जब आप टीम सिलेक्ट करते हो तो उस दौर में खिलाड़ी किस फॉर्म में होता है यह सबसे जरूरी होता है। मेरे लिए वह समय दुर्भाग्यपूर्ण था, क्योंकि मैं उस वक्त शानदार फॉर्म में था। मैं कभी इससे उबर नहीं सका। अगर आप बैटिंग अच्छी कर रहे हैं तो उम्र सिर्फ नंबर है। हां, अगर बैटिंग अच्छी नहीं है या फील्डिंग अच्छी नहीं है तो बात अलग है।बता दें कि साल 2012 में ही सचिन ने संन्यास ले लिया था। वहीं सहवाग और गंभीर भी 2015 की वर्ल्डकप टीम से बाहर हो गए थे।"
गंभीर ने उस वक्त के सेलेक्टर संदीप पाटिल पर निशाना साधते हुए कहा, "संदीप पाटिल ने जब मुझे टीम से निकाला, तो उन्होंने कहा कि टीम से आपको आपके रन के लिए नहीं बल्कि बैटिंग के लिए निकाला जा रहा है। संदीप ने कहा कि आप वैसे बैटिंग नहीं कर रहे जैसा हम चाहते हैं। मुझे नहीं पता जब मैं रन बना रहा हूं, तो कैसे बैटिंग करने की बात संदीप कर रहे थे। मैंने न ही कभी उनसे कॉल करके इस बारे में पूछा। हां उस निर्णय ने मेरा करियर जरूर रोक दिया।"
बता दें कि भारत के दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर ने बुधवार को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था। 37 साल के गंभीर ने अपने करियर में 58 टेस्ट, 147 वनडे खेले हैं। 58 टेस्ट मैचों में उन्होंने 4154 रन बनाए, जबकि 147 वनडे में उन्होंने 5238 रन बनाए हैं। 58 टेस्ट में गंभीर ने 9 शतक, जबकि 147 वनडे में उन्होंने 11 शतक और 54 अर्धशतक लगाए हैं। इसके अलावा गंभीर ने 37 टी-20 मैच भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने 7 अर्धशतक की मदद से 932 रन बनाए हैं।
Created On :   9 Dec 2018 10:36 PM IST