एशियाई मैराथन में 'गोल्ड' जीतने वाले पहले भारतीय बने गोपी, रियो में मिला था 25वां स्थान

Gopi Thonakal Becomes First Indian Man To Win Asian Marathon Championship
एशियाई मैराथन में 'गोल्ड' जीतने वाले पहले भारतीय बने गोपी, रियो में मिला था 25वां स्थान
एशियाई मैराथन में 'गोल्ड' जीतने वाले पहले भारतीय बने गोपी, रियो में मिला था 25वां स्थान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन में चल रही एशियाई मैराथन चैंपियनशिप में केरल के गोपी थोनाकल ने "गोल्ड मेडल" हासिल कर लिया है। इसी के साथ गोपी इस चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले पहले इंडियन मेल एथलीट बन गए हैं। गोपी ने इस मैराथन में 2 घंटे 15 मिनट और 48 सेकंड्स के टाइम के साथ इस चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया। बता दें कि पिछले साल रियो में हुए ओलंपिक में गोपी ने 25वां स्थान हासिल किया था। 

 

इस चैंपियनशिप में गोपी थोनाकल ने 2 घंटे 15 मिनट और 48 सेकंड्स का समय निकालकर इस मैराथन को जीतकर "गोल्ड" पर अपना कब्जा किया। वहीं उज्बेकिस्तान के आंद्रे पेत्रोव ने 2 घंटे 15 मिनट और 51 सेकंड्स के साथ "सिल्वर मेडल" हासिल किया। जबकि मंगोलिया के ब्यमबालेव सीवेनरावदान ने इस मैराथन में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता। ब्यामबालेव ने 2 घंटे 16 मिनट और 14 सेकंड्स का समय लिया। 

 

रियो में मिला था 25वां स्थान

 

पिछले साल रियो में हुए ओलंपिक में केरल के 29 साल के गोपी थोनाकल को 25वां स्थान मिला था। रियो ओलंपिक में गोपी ने अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए 2 घंटे 15 मिनट और 25 सेकंड्स का टाइम लिया था, लेकिन उसके बाद भी उन्हें 25वां स्थान ही मिल पाया था। इसके अलावा इसी साल अगस्त में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गोपी 2 घंटे 17 मिनट और 13 सेकंड के साथ 8वें स्थान पर रहे थे।  

 

पहले इंडियन एथलीट बने गोपी

 

एशियाई मैराथन में गोल्ड जीतने के साथ ही गोपी थोनाकल इस चैंपियनशिप को जीतने वाले पहले इंडियन मेल एथलीट बन गए हैं। इससे पहले इंडिया की तरफ से आशा अग्रवाल ने वुमन में ये खिताब जीता था। हालांकि उस वक्त ये चैंपियनशिप हर 2 साल होने वाली एशियाई ट्रैक और फील्ड चैंपियनशिप का हिस्सा थी। 

 

जीत के बाद क्या बोले गोपी? 

 

मैराथन में जीत के बाद गोपी ने कहा कि "मुझे देश के लिए गोल्ड जीतने पर गर्व है और मैं इस बात पर भी प्राउड फील करता हूं कि मैं इस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाला पहला इंडियन बना।" उन्होंने आगे कहा कि "इस टूर्नामेंट में गोल्ड जीतने का भरोसा था। मैं सिचुएशन के हिसाब से अपनी रणनीति में बदलाव कर रहा था, लेकिन मुझे लगता है कि मैं इससे भी तेज दौड़ सकता हूं।" गोपी ने ये भी कहा कि "अभी मैंने ये खिताब जीता है और अगले साल होने वाले एशियाई खेलों में भी गोल्ड जीतना चाहूंगा।"

Created On :   27 Nov 2017 6:21 AM GMT

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