क्या 2019 ODI वर्ल्डकप खेलेंगे धोनी? पढ़िए शुरू से अब तक माही के यह रोचक आंकड़े
- धोनी वर्ल्ड क्रिकेट में एक ऐसा नाम है
- जिसका नाम सुनते ही गेंदबाज कांप उठते हैं।
- जब माही मार रहा होता है तो हर गेंदबाज अपनी लाइन लेंथ भूल जाता है।
- धोनी वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे बड़े मैच फीनीशर में से एक माने जाते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी (माही) वर्ल्ड क्रिकेट में एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही अच्छे-अच्छे गेंदबाज कांप उठते हैं। जब माही मार रहा होता है तो हर गेंदबाज अपनी लाइन लेंथ भूल जाता है। धोनी से न केवल गेंदबाज बल्कि विपक्षी टीम के बल्लेबाज भी डरते हैं, वजह है उनकी विकेटकीपिंग। मैदान पर अपनी चालाकी से किसी भी बल्लेबाज को स्टंप कर देना और फील्डिंग सेट करने में धोनी को महारत हासिल है। यही वजह है कि भारतीय टीम के कप्तान कोहली को जब भी सलाह मांगनी होती है तो वह धोनी का रुख करते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से माही का बल्ला शांत है। इस वजह से उन्हें काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है। आगामी ऑस्ट्रेलिया टी-20 सीरीज से बाहर होने के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह अगले साल होने वाले ODI वर्ल्ड कप खेल पाएंगे या उससे पहले संन्यास ले लेंगे? आइए नजर डालते हैं धोनी के कुछ आंकड़ों पर।
टी-20 में उनके टीम में न होने पर वनडे में उनकी जगह को लेकर शक करना कहीं से उचित नहीं होगा। वहीं, भारत को अपना अगला टी-20 वर्ल्डकप 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है। धोनी का तब तक क्रिकेट खेलते रहने पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। ऐसे में चयनकर्ता का ऋषभ पंत को मौका दिया जाना उचित है और पंत धोनी की निगरानी में काफी कुछ सीख सकते हैं।
मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा था कि धोनी 2019 विश्व कप तक टीम के साथ बने रहेंगे, क्योंकि इस समय उनसे बेहतर विकेटकीपर टीम के पास नहीं है। वहीं Mr. 360 के नाम से मशहूर एबी डिविलियर्स ने पत्रकारों से कहा कि 'आप लोग बेहद मजाकिया हो। मैं हर साल हर रोज अपनी टीम में धोनी को रखूंगा।चाहे वो 80 साल के हो जाएं मैं चाहूंगा कि धोनी मेरी टीम का हिस्सा रहें. धोनी का रिकॉर्ड शानदार है, उनका रिकॉर्ड इसका गवाह है। क्या आप ऐसे खिलाड़ी को टीम से बाहर करना चाहते हैं?
भारतीय टीम के कप्तान कोहली और पार्टटाइम कप्तान रोहित को जब भी कोई सलाह की जरूरत होती है, वह मदद करने के लिए फौरन तैयार रहते हैं। इतना ही नहीं कोहली यह स्वीकार कर चुके हैं कि कप्तानी उन्होंने धोनी से ही सीखी है। इसके अलावा चहल और कुलदीप की स्पिन जोड़ी ने भी धोनी की तारीफ की थी। इन दोनों ने एक इंटव्यू में कहा था कि धोनी भाई की सलाह से ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण मौकों पर विकेट लिए हैं। इसके अलावा DRS सिस्टम में भी धोनी का जादू चलता है, इसलिए DRS सिस्टम को Dhoni Review System भी कहा जाता है।
धोनी की विकेटकीपिंग स्किल से तो सभी परिचित होंगे। 2016 टी-20 वर्ल्डकप में बांग्लादेश के खिलाफ की गई स्टंपिंग और लास्ट ओवर में चतुराई भरी कप्तानी कौन भूल सकता है। इसके अलावा 2007 टी-20 वर्ल्डकप में सबको चकित कर जोगिंदर शर्मा को बॉलिंग देना और ये फैसला सफल साबित होना कुछ ऐसे निर्णय हैं, जिसने धोनी का नाम इतिहास के पन्नों में सबसे बेहतरीन कप्तान के रूप में शुमार कर दिया। हाल में जब ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 टीम का एलान किया गया, तो उसमें धोनी का नाम नहीं था। इसके तुरंत बाद धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले तो शानदार कैच लिया और इसके बाद 0.08 सेकेंड में स्टंप कर दिखा दिया कि विकेट के पीछे अभी भी उनकी बादशाहत कायम है।
धोनी ने अभी तक तीन ODI वर्ल्डकप खेले हैं। इन तीन वर्ल्डकप के 20 मैचों में उन्होंने 42.25 की औसत से 507 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्हें किसी भी बैटिंग पोजिशन में खेलने का अनुभव है। धोनी ने अभी तक 331 वनडे की 281 पारियों में 50.11 की औसत से 10,173 रन बनाए हैं। इसमें 123 मैच उन्होंने घर में, जबकि 208 मैच विदेश में खेले हैं। भारत में उन्होंने 4266 रन बनाए हैं। वहीं विदेशी जमीन पर उन्होंने 47.64 की औसत से 5907 रन बनाए हैं। हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया की तरफ से धोनी भारत की ओर से सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे थे। इसके अलावा धोनी ने भारत को इंग्लैंड में हुए चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में भी जीत दिलाई थी।
धोनी का बल्ला फिलहाल खामोश है, लेकिन इतिहास गवाह रहा है कि ऐसे मौकों के बाद जब उनका बल्ला बोला है तो कई बड़े गेंदबाजों की बोलती बंद कर दी है। 2016 में धोनी पहली बार आउट ऑफ फॉर्म हुए थे। 2016 में धोनी ने 13 मैच के 10 इनिंग्स में 27.80 के औसत से 278 रन बनाए थे। हालांकि इसके बाद 2017 में उन्होंने कई धमाकेदार पारियां खेलीं। 2017 में धोनी ने 29 मैचों की 22 पारियों में 60.62 की औसत से 788 रन ठोके। इस दौरान उन्होंने एक शतक और 6 अर्धशतक लगाए। इसके अलावा 2004 से लेकर अबतक उन्होंने हर साल 40-50 की औसत से ही रन स्कोर किए हैं। 2018 में उनका बल्ला खामोश है, लेकिन धोनी जैसे प्लेयर को नजरअंदाज करना किसी भी टीम के लिए बड़ी भूल होगी।
धोनी वर्ल्ड क्रिकेट में एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने ICC के सभी बड़े टूर्नामेंट जीते हैं। इनमें टी-20 वर्ल्डकप 2007, वनडे वर्ल्डकप 2011, चैंपियंस ट्रॉफी 2013 और एशिया कप शामिल है। उनकी कप्तानी में टीम ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में नम्बर एक पायदान पर पहुंची। टेस्ट रैंकिंग में टीम इंडिया नं एक पायदान हासिल किया था। कोई भी टीम विजेता तब बनती है, जब उसमें युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण होता है। धोनी वर्तमान भारतीय टीम में भी यही रोल निभा रहे हैं। धोनी को वर्ल्डकप जीतने का भी अनुभव है। वह मैदान पर भी काफी कूल रहते हैं, तभी उन्हें कैप्टन कूल भी कहा जाता था। ऐसे खिलाड़ी का टीम में होना किसी भी कप्तान के लिए खुशी की बात है।
साल 2004 में डेब्यू करने वाले धोनी को जब 2007 में भारतीय टी-20 टीम की कप्तानी सौंपी गई तो किसी ने नहीं सोचा था कि वह वर्ल्डकप जीता देंगे। उस साल टीम इंडिया वनडे वर्ल्डकप से पहले ही दौर में बाहर हो गई थी। ऐसे में टीम को एकजुट करना और फिर वर्ल्डकप जीताना दिखाता है कि धोनी मानसिक तौर पर कितने मजबूत हैं। इस जीत ने भारतीय टीम की मनोदशा ही चेंज कर दी।
धोनी वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे बड़े मैच फिनिशर में से एक माने जाते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद उन्होंने अपने दम पर भारत को कई महत्वपूर्ण मैच जीताए हैं, चाहे वह 2011 वर्ल्डकप फाइनल में खेली गई 91* रन की पारी हो या श्रीलंका के खिलाफ 2005 में खेली गई 183* रन की पारी। इसके अलावा भी कई मैचों में उन्होंने अपनी शानदार परी से विपक्षी टीम को धाराशाई कर दिया है।
Created On :   30 Oct 2018 2:01 PM GMT