स्वर्ण पदक विजेता सिद्धार्थ परदेशी बोले, डाइविंग पर कुछ और ध्यान दिया जाएगा
- वह मार्च से सितंबर 2020 तक रूस के कजान में एफआईएनए डेवलपमेंट सेंटर में थे।
- वह मार्च से सितंबर 2020 तक रूस के कजान में एफआईएनए डेवलपमेंट सेंटर में थे।
डिजिटल डेस्क, राजकोट। कुछ साल पहले, सिद्धार्थ परदेशी उन एथलीटों में से एक के रूप में चर्चा में थे, जो कोविड-19 में लगे लॉकडाउन के दौरान विदेशों में फंसे हुए थे। वह मार्च से सितंबर 2020 तक रूस के कजान में एफआईएनए डेवलपमेंट सेंटर में थे। यह एक ऐसी स्मृति बन गई है, जिसे वह कभी नहीं भूल सकते।
रविवार को, नासिक में जन्मे गोताखोर ने यहां सरदार पटेल एक्वेटिक्स कॉम्प्लेक्स में खुद को नेशनल गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता के रूप में लॉन्च करने और भारतीय डाइविंग एथलीटों को थोड़ा और प्रोत्साहित करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र से अपील करने के लिए 3 मीटर स्प्रिंगबोर्ड का उपयोग किया। नेशनल चैंपियन, टीम के साथी और ट्रेनिंग पार्टनर एच लंदन सिंह के साथ उनका मुकाबला हमेशा की तरह करीब था।
उन्होंने 288.40 अंकों के साथ स्पर्धा में शीर्ष पर रहने के बाद कहा, मुझे खुशी है कि मैं लंदन को हरा सकता हूं, जिसके साथ मैं पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग करता हूं। मुझे लगता है कि किस्मत आज मेरे पक्ष में थी। इसलिए मुझे गोल्ड मिला। सिद्धार्थ परदेशी अपने विचारों को बखूबी रखते हैं। उन्होंने कहा, हां, मुझे बुरा लगता है कि डाइविंग को कोई जगह नहीं मिलती। घर और विदेश में कुछ और प्रतियोगिताएं बेहतर करने के लिए हम थोड़ा और ध्यान देना चाहेंगे।
(आईएएनएस)।
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Created On :   2 Oct 2022 7:00 PM IST