किसी को घुटने टेककर बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता : हैमिल्टन

Nobody can be forced to sit on their knees: Hamilton
किसी को घुटने टेककर बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता : हैमिल्टन
किसी को घुटने टेककर बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता : हैमिल्टन
हाईलाइट
  • किसी को घुटने टेककर बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता : हैमिल्टन

स्पीलबर्ग, 6 जुलाई (आईएएनएस)। छह बार के फॉर्मूला वन चैंपियन लुइस हैमिल्टन ने कहा कि वह यहां रेड बुल रिंग में 12 जुलाई को होने वाली अगली रेस में भी घुटने टेककर बैठेंगे। हैमिल्टन का घुटने टेककर बैठने का स्टाइल नस्लवाद को विरोध करने का स्टाइल है।

मर्सिडीज के ड्राइवर हैमिल्टन ने साथ ही कहा कि वह अपने साथी ड्राइवरों को ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं।

रविवार को रेस से पहले एफ1 के ड्राइवरों ने नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर दुनिया को एक सख्त संदेश दिया। सभी ड्राइवरों ने काले रंग की ऐसी टी शर्ट पहनी थी जिस पर आगे की तरफ ब्लैक लाइव्स मैटर्स लिखा था और पीछे एंड रेसिज्म यानी नस्लवाद खत्म करो लिखा था।

इस दौरान हैमिल्टन ने घुटने के बल बैठकर नस्लवाद का विरोध किया। लेकिन बाकी अन्य छह ड्राइवरों-चार्ल्स लेक्लरेक, मैक्स वेरस्टपेन, कार्लोस सैंज, डेनियल कीवाट, किमी राइकोनेन और एंटोनियो गियोविनाजी ने घुटने नहीं टेके, लेकिन उन्होंने नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन में एकजुटता जरूर दिखाई।

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, हैमिल्टन ने रेस के बाद कहा, इसे लेकर पिछले कुछ सप्ताह जागरूकता बढ़ी है। हमें बिना किसी बदलाव के मौन मृत्यु की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा, मैं गिनी पिग हो सकता हूं और बाहर इसके बारे में बोल सकता हूं। लेकिन किसी को भी इसके लिए मजबूर नहीं होना चाहिए जहां उन्हें घुटने टेकने पड़ें। मैं वास्तव में उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने इसमें मेरा साथ दिया। यह एक कड़ा संदेश है, लेकिन चाहे आप घुटने टेकें या न, यह दुनिया को बदलने वाला नहीं है। यह उससे भी बड़ा मुद्दा है।

हैमिल्टन ने साथ ही कहा, हर किसी को अपनी पसंद का अधिकार है और मेरे लिए घुटने टेकना सही बात थी।

आस्ट्रियाई ग्रां प्री में हालांकि हैमिल्टन की शुरुआत सही नहीं रही और वह चौथे नंबर पर रहे। उनके टीम साथी वाल्टेरी बोटास ने पोल पोजिशन हासिल किया।

- -आईएएनएस

Created On :   6 July 2020 5:01 PM IST

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