7 साल पहले आज ही के दिन भारत बना था दोबारा वर्ल्ड चैंपियन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2 अप्रैल का दिन भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए वो खास दिन है जिसे शायद वो जिंदगी में कभी नहीं भूलना पाएंगे। ठीक 7 साल पहले आज ही के दिन यानि 2 अप्रैल 2011 को भारत ने श्रीलंका को हराते हुए वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। तब फाइनल में भारत ने श्रीलंका पर दस गेंद शेष रहते हुए 6 विकेट से जीत दर्ज की थी। भारत को दूसरी बार विश्व विजेता बनाने में ओपनर गौतम गंभीर और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की अहम भूमिका रही थी, गंभीर ने 97 और धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी। ये दूसरी बार था जब भारत ने विश्वकप की ट्रॉफी जीती थी, इससे पहले 25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी में भारत पहली बार वर्ल्ड विजेता बना था।
#OnThisDay in 2011, India won the ICC Cricket World Cup with a massive @msdhoni six!
— ICC (@ICC) April 2, 2018
Who could forget this moment! pic.twitter.com/Xy3xCogRIs
धोनी का वो विजयी छक्का
वर्ल्ड कप-2011 के फाइनल में लगाया गया धोनी का वो विजयी छक्का आज भी हर भारतीय क्रिकेट फैन को याद है जिसने भारत को विश्व विजेता बनाया था। नुवान कुलशेखरा की गेंद पर धोनी ने ऐसा हेलिकॉप्टर शॉट खेला था कि भारत विश्व चैंपियन बन गया था।
धोनी जैसा कोई नहीं
धोनी दुनिया के एकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने छक्का लगाकर अपनी टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। धोनी के बल्ले से निकले उस शानदार छक्के ने भारत के 28 साल के विश्वकप इंतजार को खत्म कर दिया था। धोनी के बल्ले से लगकर जैसे ही गेंद पवेलियन में फैंस के बीच गिरी थी मानो पूरा हिंदुस्तान खुशियों से झूम उठा था और भारत वर्ल्ड चैंपियन बन गया था।
टॉस की गफलत
2 अप्रैल को हुए भारत-श्रीलंका वर्ल्ड कप फाइनल की कुछ ऐसी रोचक बातें भी हैं जो फैंस को हमेशा याद रहेंगी। मैच से पहले हुई टॉस के दौरान गफलत को भले कोई कैसे भूल सकता है क्योंकि फाइनल से पहले दो बार टॉस हुआ था और ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार टीम इंडिया के कप्तान को ऐसा लगा था कि उन्होंने टॉस जीता है लेकिन संशय होने के कारण जब दोबारा टॉस हुआ तो श्रीलंका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए फाइनल में 50 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाए थे।
पहली बार शतक के बावजूद हार
महेला जयवर्धने ने फाइनल में शानदार शतक लगाते हुए 103 रन बनाए थे लेकिन उनका ये शतक काम नहीं आया और भारत 28 साल बाद विश्वविजेता बना। ये पहली बार था जब वर्ल्डकप के फाइनल में उस टीम को हार का सामना करना पड़ा था जिसकी तरफ से शतक लगाया गया हो।
Created On :   2 April 2018 9:39 AM IST